नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) आधार कार्ड को और अधिक सुरक्षित बनाने की तैयारी में है। प्राधिकरण उन नए आधार कार्ड जारी करने पर विचार कर रहा है जिनमें केवल धारक की फोटो और एक क्यूआर कोड होगा। इस नए फॉर्मेट का उद्देश्य फर्जीवाड़े पर लगाम लगाना और आधार डेटा के गलत उपयोग को रोकना है।
UIDAI के सीईओ भुवनेश कुमार ने हाल ही में आधार के लिए नए ऐप पर आयोजित एक ऑनलाइन सम्मेलन में बताया कि दिसंबर में नया नियम लाने पर विचार किया जा रहा है, जिससे होटल, इवेंट आयोजकों और अन्य संस्थानों द्वारा की जाने वाली ऑफ़लाइन वेरिफिकेशन प्रक्रिया को हतोत्साहित किया जा सके।
ऑफलाइन आधार सत्यापन पर सख्ती
कुमार ने कहा कि आधार अधिनियम ऑफलाइन सत्यापन के लिए आधार नंबर या बायोमेट्रिक डेटा के संग्रह, उपयोग या भंडारण पर रोक लगाता है। इसके बावजूद कई संस्थाएं आधार की फोटोकॉपी मांगकर उसे स्टोर करती रहती हैं, जो कानून का उल्लंघन है।
UIDAI अब यह सुनिश्चित करना चाहता है कि आधार का उपयोग केवल आधार संख्या या क्यूआर कोड से ही सत्यापित किया जाए।
सिर्फ फोटो और क्यूआर कोड वाला कार्ड क्यों?
भुवनेश कुमार ने कहा,
“हम सोच रहे हैं कि कार्ड पर अनावश्यक विवरण क्यों होना चाहिए? केवल फोटो और क्यूआर कोड पर्याप्त हैं। अधिक जानकारी छपने से इसका दुरुपयोग बढ़ता है और फर्जी दस्तावेज तैयार करने में आसानी होती है।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि आधार को कभी भी एक सामान्य दस्तावेज के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
बैंकों, होटलों और फिनटेक कंपनियों के साथ बैठक
UIDAI ने कई हितधारकों—जैसे बैंक, होटल और फिनटेक कंपनियों—के साथ बैठक की है और उन्हें आधार सत्यापन से जुड़े नए ऐप और नियमों की जानकारी दी है। नए ऐप को जल्द ही लॉन्च किया जाएगा।
UIDAI का यह कदम आधार की सुरक्षा बढ़ाने और डेटा दुरुपयोग की घटनाओं को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। नया आधार कार्ड अधिक सुरक्षित, आधुनिक और प्राइवेसी-केंद्रित होगा।
