डीएम की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक संपन्न
संत कबीर नगर (राष्ट्र की परम्परा)। जिलाधिकारी महेन्द्र सिंह तंवर की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ समिति (शासी निकाय) के कार्यक्रमों/संचालित योजनाओं की अद्यतन स्थिति एवं प्रगति की समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी जयकेश त्रिपाठी उपस्थित रहे।
जिलाधिकारी द्वारा जिला स्वास्थ्य समिति (शासी निकाय) की बैठक में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, जिला क्षय रोग समिति, संचारी रोग, जिला एड्स एवं फाइलेरिया उन्मूलन समिति के कार्यों/योजनाओं एवं संचालित अभियान की प्रगति की समीक्षा की गई।
बैठक में डब्ल्यू0एच0ओ0 एवं यूनिसेफ के प्रतिनिधि द्वारा जनपद में स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं में कार्यों का लक्ष्य एवं गुणवत्ता के सापेक्ष प्रगति की समीक्षा से संबंधित पीपीटी के माध्यम से प्रस्तुतीकरण किया गया।
जिलाधिकारी ने समीक्षा के दौरान जनपद स्तर के औषधि स्टोर से दवाइयों का चिकित्सालयों पर वितरित करने की प्रक्रिया के संबंध में आंकड़ेवार जानकारी प्राप्त करते हुए निर्देशित किया कि औषधियों का चिकित्सालयों पर माहवार वितरण से संबंधित स्पष्ट रिपोर्ट मीटिंग में रखी जाए। उन्होंने कहा कि इसके विश्लेषण से यह स्पष्ट होगा कि किस प्रकृति की दवाइयों का ज्यादा मांग/इस्तेमाल हो रहा है।
जिलाधिकारी ने जनपद में लक्ष्य/लाभार्थियों के सापेक्ष भारत आयुष्मान गोल्डन कार्ड बनाए जाने की धीमी प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी को अलग से समीक्षा कर गुणात्मक सुधार लाने का निर्देश दिया।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित कुछ योजनाओं के सापेक्ष मद में धनराशि उपलब्ध होने के बावजूद उसका उचित उपयोग करने में शिथिलता पाए जाने पर जिलाधिकारी ने कहा कि आवश्यकतानुसार धनराशि का इस्तेमाल कर लाभार्थियों/अन्य योजनाओं को आच्छादित किया जाए।
जिलाधिकारी द्वारा प्रधानमंत्री जननी सुरक्षा योजना में लाभार्थियों का भुगतान प्रस्तुत आंकड़ों के सापेक्ष मिसमैच पाए जाने पर मुख्य चिकित्साधिकारी सहित सभी एमओआईसी को निर्देशित किया कि आंकड़ा बताता है की आशाओं द्वारा संस्थागत प्रसव की उचित मैपिंग नहीं की जा रही है, उन्होंने कहा कि पूरे वर्ष में आशाओं को कितने संस्थागत प्रसव के सापेक्ष भुगतान किया गया है, इसकी भी समीक्षा की जाए।
समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने सीएमओ सहित सभी एमओआईसी एवं उपस्थित सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनपद में जहां कहीं भी, विशेष तौर पर रात्रि के समय महिलाओं के आवागमन की संभावना बनी रहती हो, महिला सुरक्षा के दृष्टिकोंण से उन जगहों को चिन्हित करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि वहां पर/आसपास पर्याप्त प्रकाश की उचित व्यवस्था हो, इस संबंध में सभी संबंधित अधिकारीगण जांच कराते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत करें, तदनुसार अविलंब स्ट्रीट लाइट/प्रकाश की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए।
जिलाधिकारी ने कहा कि सभी चिकित्साधिकारी अपने चिकित्सालयों में मरीजों के उचित देखभाल से संबंधित बेसिक सुविधाओं जैसे-बैठने की व्यवस्था, पानी, शौचालय, व्हीलचेयर सहित अन्य चिकित्सीय उपकरणों आदि के सुचारू संचालन के संबंध में निरीक्षण करते हुए अद्यतन रिपोर्ट उपलब्ध करावें जिससे उसे तत्काल ठीक कराया जा सके अथवा उसकी उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा सके। चिकित्साधिकारीगण अपने कार्यों एवं जिम्मेदारियां का निष्ठा पूर्वक निर्वहन करें, कार्यों के प्रति लापरवाही पाए जाने पर जिम्मेदारी तय करते हुए संबंधित के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।
बैठक में जिला स्तर पर विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों, स्वास्थ्य संकेतकों की अद्यतन स्थिति एवं प्रगति पर बिंदुवार समीक्षा की गयी। बैठक में डीपीएम विनीत कुमार श्रीवास्तव ने एजेंडा बिंदु सहित विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों की अद्यतन स्थिति से जिलाधिकारी को अगवत कराया।
जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी सहित सम्बंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया है कि स्वास्थ्य कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में कदापि लापरवाही न बरती जाए, बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का रूटीन टीकाकरण, बच्चों में कुपोषण के स्थिति की जांच आदि की विभागीय स्तर पर नियमित समीक्षा की जाए।
स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने जननी सुरक्षा योजना के व्यवस्थित संचालन, ग्रामीण स्तर पर कार्यरत स्वास्थ्य कार्यकत्रियों जैसे-आशा एवं ए0एन0एम0 की कार्य प्रणाली, संस्थागत प्रसव की दर में गिरावट तथा विभागीय स्तर पर इसकी समीक्षा आदि में लापरवाही पाये जाने पर असंतोष व्यक्त करते हुए सम्बंधित चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित जितनी भी सेवाओं/योजनाओं का संबंध ग्रामीण स्तर पर कार्यरत स्वास्थ्य कार्यकत्रियों (आशा/एएनएम) से है उसकी समीक्षा अनिवार्य रूप से मुख्य चिकित्साधिकारी एवं सम्बंधित चिकित्साधिकारीगण एक-एक आशा/एएनएम के सापेक्ष सुनिश्चित करते हुए अगली बैठक में आख्या उपलब्ध करायें। उन्होंने कहा कि जब तक ग्रामीण स्तर पर कार्यरत स्वास्थ्य कर्मी जो सीधा बेनिफिसरी तक पहुॅच रखता है, संवेदनशील एवं अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन नही करेगा तब तक व्यवस्था में सुधार नही होगा। इसलिए उन्होंने कहा कि अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन न करने वाली स्वास्थ्य कार्यकत्रियों के विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाए।
समीक्षा के दौरान जिला क्षयरोग अधिकारी द्वारा बताया गया कि जनपद को टीवी मुक्त बनाने की दिशा में दिनांक 09 सितंबर से 20 सितंबर 2024 तक अभियान चलाकर टीवी के मरीजों की खोज करते हुए उनका इलाज कर जनपद को टीवी मुक्त बनाने की दिशा में अभियान चलाया जाएगा।
जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि स्वास्थ्य योजनाओं/कार्यक्रमों के संचालन एवं आउटपुट की सतर्क मॉनीटरिंग भी की जाए। उन्होंने कहा कि संचारी रोग नियंत्रण अभियान के अन्तर्गत कराये जा रहें कार्यो का फीडबैक भी जनसामान्य से लिया जाता रहे।
जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि पूरे स्वास्थ्य विभाग को फील्ड में एक्टिवेट करें व स्वास्थ्य संकेतको में बेहतर परफॉर्मेंस दिखाएं।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 रामानुज कन्नौजिया, जिला विद्यालय निरीक्षक हरिश्चंद्र नाथ, जिला कार्यक्रम अधिकारी सत्येंद्र सिंह, डब्ल्यू0एच0ओ0 एवं यूनिसेफ के प्रतिनिधि, सूचना अधिकारी सुरेश कुमार सरोज सहित चिकित्सालयों के एम0ओ0आई0सी0 व अन्य सम्बंधित अधिकारी आदि उपस्थित रहे।
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