
नासिक(राष्ट्र की परम्परा)
पिछले दो दशकों में नासिक जिले में तेंदुओं और मनुष्यों के बीच संघर्ष में वृद्धि देखी गई है । हर साल, लगभग दस से पंद्रह तेंदुए जिले के विभिन्न हिस्सों में मानव बस्तियों में घूमते रहते हैं, मौका देख पुरुषों एवं महिलाओं तथा छोटे बच्चों या अन्य घरेलू पशुओं पर हमला करते हैं। पिछले सप्ताह त्र्यंबकेश्वर तालुका में एक मादा तेंदुए ने हमला कर तीन लड़कियों को मार डाला था, तो अब कहा जा रहा है कि तेंदुए को रेस्क्यू कर कैंप भेजने पर सीधे तौर पर उम्रकैद की सजा दी जाएगी। दिलचस्प बात यह है कि इस तरह की सजा किसी जानवर के साथ पहली बार होने जा रही है।
त्र्यंबकेश्वर के पिंपलाड इलाके में 3 बच्चियों को मारने वाला तेंदुआ हमेशा के लिए पिंजरे में बंद हो जाएगा। पिछले डेढ़ महीने से वन विभाग ने इस तेंदुए को पकड़ने की तैयारी की थी, अतः तेंदुआ कुछ नहीं कर पा रहा था। अगर मृत बच्ची के स्वाब से सैंपल का मिलान किया गया तो मादा तेंदुए को उम्रकैद की सजा हो सकती है। पिछले डेढ़ महीने से वन विभाग को परेशान कर रहा तेंदुआ आखिरकार सोमवार (22) दोपहर बाद जाल में फंस गया। वरिष्ठ वन अधिकारियों का कहना है कि इस मादा तेंदुए का स्वभाव और व्यवहार बेहद अजीब और खतरनाक है। डीएनए जांच के लिए तेंदुए के खून के नमूने पुणे भेजे जाएंगे।
वन विभाग का कहना है कि अगर मृत बच्ची के स्वाब से सैम्पल मैच किये तो तेंदुए को उम्रकैद की सजा हो सकती हैं,तो इतिहास में पहली बार किसी तेंदुए को उम्र कैद की सजा हो सकती हैं। तेंदुए के आतंक से आजीज वन विभाग द्वारा तेंदुए को गोली मारने के लिए शार्प शूटर को बुलाया गया था। लेकिन तमाम कोशिशों के बाद आखिर में वन विभाग ने जाल बिछाकर कर तेंदुए को कैद किया गया।रिपोर्ट के अनुसार अगर तेंदुए के स्वाब के नमूने मृत लड़की के स्वाब मैच होती हैं तो, तेंदुए को आजीवन पिंजरे में डाल दिया जाएगा ।