June 19, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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कृषि विज्ञान केन्द्र पर चयनित कृषकों को ट्राइकोडर्मा विरिडी वितरित किया गया

बहराइच (राष्ट्र की परम्परा) । आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र नानपारा पौध संरक्षण अनुभाग द्वारा अरहर में उकठा रोग प्रबंधन हेतु , प्रथम पंक्ति प्रदर्शन अंतर्गत चयनित कृषकों को ट्राइकोडर्मा विरिडी वितरित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. शशिकांत यादव के निर्देशन में हुआ, जिसमें डॉ. हर्षिता ने कृषकों को जैव-फफूंदनाशक ट्राइकोडर्मा के परिचय एवं प्रयोग के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि ट्राइकोडर्मा पाउडर पूरी तरह एको फ्रेंडली फंगस पर आधारित दवा है, जो फसलों को आर्द्रगलन, उकठा, जड़-सड़न, तना सड़न , कालर राट आदि कई प्रकार के भूमि जनित रोगों जैसी समस्याओं से बचाती है जिसका इस्तेमाल बीज, कंद, पौध तथा भूमि शोधन हेतु किया जाता है। बीजोपचार हेतु 5-6 ग्राम ट्राइकोडर्मा प्रति किलो बीज की दर से शोधित करें, और भूमि शोधन हेतु 1 किलो ट्राइकोडर्मा 25- 30 किलो सड़ी हुई गोबर की खाद में मिलाकर 4-5 दिन छायादार स्थान पर भीगे टाट से ढक कर रखें, तदुपरांत सांयकाल के समय खेत में मिला दें। खड़ी फसल में निदान हेतु 10 ग्राम ट्राइकोडर्मा का 1 लीटर पानी में घोल बनाकर ड्रेचिंग करें। डॉ. शैलेंद्र सिंह ने बताया कि ट्राइकोडर्मा पौधों में रोगरोधी क्षमता एवं अन्य सूक्ष्म पोषक तत्वों की घुलनशीलता को भी बढ़ाता है जिससे पौधों में वृद्धि बढ़ती है। डॉ.अरुण कुमार ने कृषकों को कृषि रक्षा इकाई की ओर से मिल रही 75 फीसदी छूट से अवगत कराया साथ ही डॉ. सूर्य बली सिंह ने कृषकों को जैविक तथा प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में क्षेत्र के सम्मानित कृषक गण सीता देवी, अनीता वर्मा, सपना, सजन कुमार, चिंता राम, माया राम, श्याम मनोहर सिंह, निरंजन लाल, प्रहलादी, कलावती देवी उपस्थित रहे।