
देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)। जनजाति लोकनायक बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान लखनऊ, संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश, जनजाति विकास विभाग, उत्तर प्रदेश, पर्यटन विभाग उत्तर प्रदेश, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान उत्तर प्रदेश लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में “जनजाति भागीदारी उत्सव” मनाया गया। लखनऊ में आयोजित इस कार्यक्रम का सजीव प्रसारण विकास भवन के गांधी सभागार में किया गया।
जनजाति लोकनायक बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर विकास भवन के गांधी सभागार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान भगवान बिरसा मुंडा के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन, माल्यार्पण और पुष्प अर्पण कर जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। भगवान बिरसा मुंडा के महान व्यक्तित्व को नमन करते हुए, स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी अविस्मरणीय भूमिका को याद किया गया। राष्ट्र धर्म को सर्वोपरि बताते हुए भगवान बिरसा मुंडा और अन्य स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के जीवन से सीख लेने की अपील की गई। देश को सशक्त और समृद्ध बनाने के लिए सजग नागरिक की भूमिका निभाने का आह्वान किया गया। वहीं, गुलामी की मानसिकता को पीछे छोड़ते हुए, भारतीय परंपराओं, आदिवासी संस्कृति और पर्यावरण के संरक्षण का संकल्प दिलाया गया।
इस अवसर पर परियोजना निदेशक अनिल कुमार ने कहा कि बिरसा मुंडा जैसे महान क्रांतिकारियों के जीवन से हम सभी को प्रेरणा लेना चाहिए। ब्रिटिश शासन ने जनजातीय समाज को उनकी इच्छानुसार खेती करने से पृथक करते हुए अपनी जमीन से विस्थापित होने को बाध्य किया। जंगल काटे गए और उन्हें खदेड़ दिया। तब बिरसा मुंडा ने एक क्रांति की शुरुआत की अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह का बिगुल फूंका। उन्होंने सामाजिक कुरीतियों एवं बुराइयों से दूर रहने का संदेश दिया।
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