December 22, 2024

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उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड के अधिनियम में बदलाव किए जाने पर शिक्षकों में जबरदस्त आक्रोश

मऊ (राष्ट्र की परम्परा)
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (पाण्डेय गुट) की बैठक पटेल उपवन बलिया मोड़ पर संपन्न हुई, माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष अवनीश कुमार सिंह ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि माध्यमिक शिक्षा सेवा 1982 की अधिनियम से शिक्षकों की सेवा सुरक्षा की धारा 21 एवं माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड द्वारा प्रधानाचार्य की पदोन्नति कीधारा 18 को समाप्त करना शिक्षकों को आंदोलन करने हेतु चुनौती देना है। सरकार इस काले कानून को तत्काल वापस ले,जिलामंत्री विनीत प्रताप राय ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की धारा 21में शिक्षकों की सेवा सुरक्षा थी सरकार ने शिक्षकों की सेवा सुरक्षा का ख्याल न रखकर काला कानून बनाया है जो संविधान विरोधी, लोकतंत्र विरोधी और शिक्षक विरोधी है।पूर्व जिला अध्यक्ष कुलदीप ने इस काले कानून का कड़ा विरोध करते हुए सरकार से तत्काल वापस लेने की मांग की हैं। कोषाध्यक्ष मुस्ताक अली मंसूरी ने कहा कि शिक्षा अधिनियम में बदलाव से शिक्षकों का उत्पीड़न होगा।वरिष्ठ नेता रविंद्र सिंह ने कहा कि विधान परिषद में शिक्षक विधायक हैं जिन्हें शिक्षकों ने चुन कर भेजा है वे विधानमंडल में रहकर भी इस विधेयक का विरोध नहीं कर पाए, उन्हें अब अपने पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है।मीडिया प्रभारी बृजेश कुमार गिरि ने कहा कि वर्तमान कानून के लागू होने से विद्यालयों में विवाद बढ़ेंगे और तनावपूर्ण स्थिति बनी रहेगी, जिससे शैक्षिक माहौल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इस अवसर पर उपाध्यक्ष गिरीश नारायण सिंह,जयप्रकाश सिंह, लल्लन सिंह, चंदन यादव श्रीनिवास मौर्य, अवध बिहारी यादव, अमरनाथ मिश्र, कृष्ण मोहन सिंह,राजेंद्र सिंह,संयुक्त मंत्री रमाकांत यादव,अशरफ अली सहित दर्जनों शिक्षकों ने सरकार द्वारा पारित किए गए काले कानून को तत्काल वापस करने की मांग की।
(नोट धारा 21 में प्रबंधकों द्वारा शिक्षक के विरुद्ध की गयी कार्यवाही आयोग की अनुमति के बगैर शून्य मानी जाती थी)।