June 28, 2025

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पेड़ बना पोल, जर्जर तारों से टिकी विद्युत व्यवस्था

भागलपुर/देवरिया (राष्ट्र की परंपरा)।
भागलपुर क्षेत्र की विद्युत व्यवस्था इन दिनों बदहाली की चरम सीमा पर है। गांवों में कहीं पेड़ पोल का काम कर रहा है, तो कहीं जर्जर तारों के सहारे बिजली सप्लाई हो रही है। ट्रांसफार्मर की केवी क्षमता बेहद कम है और अवैध कनेक्शनों की भरमार से लोड बढ़ने के कारण ट्रांसफार्मर आए दिन फुंक जा रहे हैं।

स्थानीय निवासियों ने बताया कि भागलपुर में दोहरी नीति वाली विद्युत व्यवस्था चल रही है। एक ओर सरकारी व्यवस्था नाम मात्र की बची है, दूसरी ओर अवैध कनेक्शनों का खुला खेल जारी है। गांव में किसी न किसी मोहल्ले में प्रतिदिन तार टूटकर गिरना आम बात हो गई है। लोग पास-पड़ोस से अस्थायी तार जोड़कर बिजली ले रहे हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा हमेशा बना रहता है।

पेड़ पर लटके बिजली के तार
सबसे चिंताजनक बात यह है कि कई जगहों पर बिजली के तार हरे पेड़ों पर लटकाए गए हैं, जो किसी भी समय बड़े हादसे को न्योता दे सकते हैं। इसके बावजूद विद्युत विभाग आंख मूंदे बैठा है।

लाइनमैन और विभाग की मिलीभगत?
ग्रामीणों का आरोप है कि गांव में तैनात लाइनमैन अवैध रूप से पैसे लेकर कनेक्शन दे रहे हैं। विभाग के सीयूजी नंबरों पर कॉल करने पर जवाब नहीं मिलता। प्रहलाद तिवारी, अर्जुन सिंह, रामायण ठठेरा, श्याम बिहारी मौर्य, सरवन चौहान, राजेश ठठेरा, मुन्ना ठठेरा जैसे तमाम ग्रामीण अपनी समस्या लेकर अधिकारियों से संपर्क कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।

घटिया केबल और शॉर्ट सर्किट का खतरा
गांव में लगे केबल भी पुरानी और बार-बार शॉर्ट करने वाली हैं। शॉर्ट सर्किट की घटनाएं आए दिन हो रही हैं, जिससे लोगों की सुरक्षा खतरे में है।

जनता परेशान, व्यवस्था मौन
ग्रामीणों का कहना है कि अगर कभी बिजली आ भी जाए तो लो वोल्टेज की समस्या बनी रहती है। इस घनी आबादी वाले गांव में बिजली जैसी बुनियादी सुविधा का यह हाल ‘अच्छे दिनों’ के वादों पर सवाल खड़े करता है।

अब सवाल यह है कि इस बदहाल व्यवस्था से ग्रामीणों को कब राहत मिलेगी?