मरम्मत कार्य और अव्यवस्थित यातायात ने बढ़ाई परेशानी, प्रशासन से सख्त कदम उठाने की मांग
महराजगंज(राष्ट्र की परम्परा)। मिठौरा विकासखंड के ग्राम पंचायत सिंदुरिया चौराहा स्थित मुख्य मार्गों पर इन दिनों ट्रैफिक जाम की समस्या विकराल रूप ले चुकी है। सुबह और शाम के व्यस्त समय में मुख्य सड़कों पर वाहनों की लंबी कतारें लग जाती हैं। दुपहिया, चार-पहिया वाहनों से लेकर स्कूल बसों और एम्बुलेंस तक को घंटों जाम में फंसे रहना पड़ता है, जिससे न केवल आमजन को परेशानी हो रही है, बल्कि दैनिक जीवन भी अस्त-व्यस्त हो गया है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि बीते कुछ महीनों से सड़क मरम्मत और नालों की सफाई का कार्य एक साथ चलने से सड़कों की चौड़ाई काफी घट गई है। कई स्थानों पर निर्माण सामग्री और मिट्टी के ढेर खुले पड़े हैं,जिससे वाहनों की आवा-जाही बाधित हो रही है। वहीं दूसरी ओर यातायात पुलिस की लचर व्यवस्था और वाहन चालकों की मनमानी ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है।जाम का सबसे अधिक असर स्कूली बच्चों और मरीजों पर पड़ रहा है। सुबह स्कूल जाने और दोपहर में घर लौटने के समय जगह-जगह वाहन रेंगते नजर आते हैं। एम्बुलेंस तक को घंटों फंसना पड़ता है। जिससे मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।स्थानीय लोगों ने बताया कि कई बार छोटे-छोटे विवाद और झगड़े भी जाम के कारण हो जाते हैं, जिससे हालात और बिगड़ जाती हैं। मुख्य मार्गों पर लगातार जाम की स्थिति को देखते हुए लोग वैकल्पिक रास्तों का सहारा ले रहे हैं, लेकिन अब उन गलियों और उपमार्गों पर भी वाहनों का दबाव बढ़ गया है। इससे पूरे नगर में अव्यवस्थित यातायात की स्थिति बन गई है।लंबे समय तक वाहनों के फसे रहने से पेट्रोल और डीजल की खपत बढ़ रही है, जिससे आर्थिक नुकसान के साथ- साथ वायु प्रदूषण भी बढ़ा है। वाहन चालकों का कहना है कि पहले जो दूरी दस मिनट में तय होती थी, अब वही सफर आधे घंटे से अधिक में पूरा हो पाता है।
स्थानीय व्यापारियों, शिक्षकों और आम नागरिकों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द यातायात व्यवस्था में सुधार के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। मरम्मत कार्यों को तय समय सीमा में पूरा किया जाए और पीक ऑवर्स में ट्रैफिक पुलिस की अतिरिक्त तैनाती की जाए। साथ ही, निर्माण स्थलों पर वैकल्पिक डायवर्जन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि नागरिकों को राहत मिल सके।
