December 25, 2024

राष्ट्र की परम्परा

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विषयुक्त खेती नशामुक्त गाँव महाअभियान में सहभाग करें, ताकि हमारी खेती जल व जलवायु विषाक्तत होने से बच सके : संयोजक

पंचवटी प्रजाति के वृक्षों का रोपण कर पर्यावरण संरक्षण का सामूहिक संकल्प लिया गया

बहराइच (राष्ट्र की परम्परा) । कृषि विज्ञान केन्द्र प्रथम के किसान सभागार में जनपद के प्रगतिशील कृषकों एवं कृषि आधारित रोजगार प्रशिक्षण प्राप्त प्रतिभागियों का समागम समारोह आयोजित किया गया।
आयोजित कार्यक्रम में कृषि विज्ञान के वैज्ञानिकों के अलावा कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी सहभाग किया और जनपद में बेहतर कृषि उत्पादन व स्थानीय कृषि उत्पादकता आधारित रोजगार सृजन के बारे में विस्तृत चर्चा-परिचर्चा किया गया।
कृषि विज्ञान केन्द्र की ओर से आयोजित किसान समागम समारोह को संबोधित करते हुए कृषि महानिदेशक डॉ संजय सिंह ने कहा की बहराइच की धरती प्राकृतिक कृषि उत्पादन के लिए सर्वथा अनुकूल है यहां पर कृषि वैज्ञानिकों से समन्वय व संबाद बनाकर खेती करने से खेती किसानी लाभप्रद बनेगी।
महानिदेशक किसान परिषद संरक्षक संजीव श्रीवास्तव एडवोकेट ने कृषि उच्चाधिकारियों को अवगत कराया की तराई का जल स्तर घटता जा रहा है इसके लिए आवश्यक है कि तत्काल प्रभाव से यूकेलिप्टिस के पेड़ रोपण पर प्रतिबंधन लगाए जाएं व मेंथा खेती को समाप्त किया जाए।
किसान परिषद संयोजक ने किसानों का आवाहन किया कि वे “विषयुक्त खेती नशामुक्त गाँव” महाअभियान में सहभाग करें ताकि हमारी खेती जल व जलवायु विषाक्तत होने से बच सके और हम निरोगी बने रह सके साथ ही पंचवटी प्रजाति के वृक्षों का रोपण भी अधिकाधिक संख्या में किया जाए।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से नरेन्द्र देव कृषि विश्वविद्यालय अयोध्या के निदेशक (प्रसार) डॉ आर०आर सिंह , के०वी०के बहराइच प्रभारी (वरिष्ठ वैज्ञानिक) डॉ० के०एम सिंह , सी०आर०एस प्रभारी डॉ महेन्द्र सिंह , उद्यान प्रभारी डॉ पी के सिंह , डॉ शैलेन्द्र सिंह , प्रगतिशील कृषक जे०के० सुखिया , कृषि विज्ञानी अखिलेश श्रीवास्तव , विवेक कुमार सक्सेना , समाजसेवी पत्रकार धीरेंद्र शर्मा , पर्यावरणविद पंकज श्रीवास्तव , पंकज वर्मा समेत सैंकड़ों कृषक व प्रशिक्षार्थी कृषक उपस्थित रहे।
समापन अवसर पर के०वी०के परिसर में किसान परिषद के तत्वावधान में पंचवटी प्रजाति के वृक्षों का रोपण कर पर्यावरण संरक्षण का सामूहिक संकल्प लिया गया और कृषि ड्रोन परियोजना आधारित संयंत्र का प्रदर्शन भी किया गया।