कविता
समय की चाल भी
अनोखी है
यूं ही चलती रहती है
जब हो किसी का
इंतजार,
तो काटे नहीं कटती है
और हो अगर जल्दी
तो सरपट
दौड़ लगाती है
कहते हैं
समय से अच्छा
कोई दोस्त नहीं होता
गर करो सदुपयोग
तो कभी यह
दगाबाज नहीं होता
समय की महत्ता को जो
समझ पाया है
उसने ही जीवन में
बुलंदियों को पाया है।
● अनुराधा श्रीवास्तव”अंतरा”
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