बरहज/देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)। बरहज थाना क्षेत्र के लहछुवा गाँव में सोमवार को दुर्गा प्रतिमा स्थापना की तैयारी कर रहे युवाओं पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा। सरयू नदी के नर्वदेश्वर घाट से कलश भरने गए छह युवकों में से तीन की तेज धारा में डूबने से मौत हो गई। इस हृदय विदारक हादसे ने पूरे गाँव को शोक में डुबो दिया। घटना के बाद से गाँव के किसी भी घर में चूल्हा तक नहीं जला।
घटना सोमवार सुबह लगभग 8:40 बजे की है। गाँव के छह युवक ई-रिक्शा से गौरा स्थित नर्वदेश्वर घाट पहुँचे थे। कलश भरने से पहले उन्होंने जयकारा लगाया और स्नान करने लगे। तभी विवेक (16 वर्ष), पुत्र बेचन, का पैर फिसल गया और वह तेज धारा में बहने लगा। उसे बचाने के लिए रंजीत (17 वर्ष), पुत्र अच्छे लाल, और चंद्रशेखर (17 वर्ष), पुत्र कोमल, भी नदी में उतर गए, लेकिन तीनों गहरे पानी में समा गए।
साथ गए अन्य युवकों ने शोर मचाकर लोगों को बुलाया। स्थानीय लोगों ने गांगुली नामक युवक को तो बचा लिया, परंतु तीनों किशोर नदी की धारा में डूब गए।
सूचना पाकर थानाध्यक्ष राहुल सिंह टीम के साथ मौके पर पहुँचे और एसडीआरएफ को बुलाया। लगभग 28 घंटे तक चलाए गए अभियान में मंगलवार को सुबह दस बजे रंजीत का शव बरामद हुआ, जबकि दोपहर करीब दो बजे विवेक और चंद्रशेखर के शव भी नदी से निकाल लिए गए। पुलिस ने पंचनामा कर शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
घटना की जानकारी मिलते ही क्षेत्रीय विधायक दीपक मिश्रा शाका, उपजिलाधिकारी विपिन त्रिवेदी, नायब तहसीलदार रविंद्र मौर्य, क्षेत्राधिकारी, सपा नेता गेनालाल यादव, मुरली जायसवाल, राज्यसभा की पूर्व सदस्य कनकलता सिंह और अन्य जनप्रतिनिधि भी घाट पर पहुँचे और पीड़ित परिवारों को ढाढ़स बंधाया।
गाँव में कोहराम का आलम यह रहा कि हर किसी की आँखें नम थीं। तीनों ही मृतक अपने परिवार के सबसे छोटे बेटे थे। शव मिलने के बाद परिजन दहाड़ें मारकर रो पड़े और मौके पर मौजूद हजारों लोग भी गमगीन हो उठे।
गाँव के लोगों का कहना है कि माँ दुर्गा की सेवा और उत्साह में निकले ये किशोर कभी लौटकर नहीं आएंगे, यह सोचकर विश्वास करना भी कठिन हो रहा है।