December 23, 2024

राष्ट्र की परम्परा

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26 नवंबर से प्रारंभ होगा दुर्वासा धाम पर तीन दिवसीय कार्तिक का पूर्णिमा मेला

आजमगढ़ ( राष्ट्र की परम्परा )
जिले के फूलपुर कोतवाली क्षेत्र के महर्षि दुर्वासा धाम पर लगने वाला मेला व स्नान 26 नवंबर से प्रारंभ होकर 28 नवंबर तक चलेगा, जहां पर करीब लाखों की संख्या में श्रद्धालु स्नान करने के लिए आएंगे । 26 तारीख को बटोर है और 27 को श्रद्धालु तमसा वा मंजूषा तट के संगम पर स्नान करने के बाद महर्षि दुर्वासा धाम के प्रांगण में स्थित महर्षि दुर्वासा की प्रतिमा की और शिवलिंग का दर्शन करने के बाद लोग मेले का आनंद उठाएंगे।
लेकिन इस बार देखा जा रहा है शासन प्रशासन की तरफ से किसी प्रकार की तैयारी नहीं की गई है, ना ही कोई भी टीम गठित की गई है । और ना ही कोई जिम्मेदार अधिकारी व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए महर्षि दुर्वासा धाम के प्रांगण में पहुंच रहा है। जब इस विषय में पत्रकारों ने महाऋषि दुर्वासा धाम के महंत अवध बिहारी दास से बात की तो उन्होंने बताया कि यहां पर कभी कोई शासन प्रशासन की तरफ से ना सहायता होती है ना ही साफ सफाई की जाती है, जबकि महर्षि धाम का मुख्य स्थान यहीं पर होता है लेकिन जब भी कोई बड़ा अधिकारी आता है तो उस पार से ही जायजा लेकर चले जाते हैं और इस पार तक सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं हो पता है, उससे हम लोग वंचित व महर्षि दुर्वासा धाम का मुख्य आश्रम आज भी साफ, सफाई शुद्ध पेयजल,विद्युत व प्रकाश का अभाव मुख्य आश्रम पर बना हुआ है । और यहां पर सफाई कर्मी भी जब कोई बड़े अधिकारी आते हैं तो ही दिखाई देते हैं नहीं तो उसके पहले कोई सफाई कर्मी भी यहाँ नहीं दिखाई देते हैं। अगर साल में कार्तिक पूर्णिमा मेले का आयोजन ना हो और किसी बड़े अधिकारी का दौरा इस स्थान पर ना हो तो सफाई कर्मी बस घाटों को देखकर और थोड़ी बहुत साफ सफाई करके चले जाते हैं । महर्षि दुर्वासा धाम के गेट पर स्थित सरकारी नलकूप कई महीनो से खराब पड़ा हुआ है लेकिन आज तक जिम्मेदारो द्वारा इसकी कोई खोज खबर नही ली गई, लेकिन जब इस विषय में अहरौला के खंड विकास अधिकारी संतोष कुमार यादव से बात की गई तो उन्होंने इसको जल्द बनवाने का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं था अब मेरे संज्ञान में आया है मैं इसे जल्द से जल्द ठीक करवा दूंगा । जहां हर साल इस कार्तिक पूर्णिमा मेले के आयोजन के पहले ही प्रशासन के द्वारा यहां निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया जाता था, तो वही इस बार किसी भी प्रकार का कोई भी जायजा नहीं लिया गया है।जहां एक तरफ मेले की तैयारियां जोरों पर है जैसे खजला की दुकाने बच्चों के मनोरंजन के लिए झूलों की तैयारियां जोर-सोर से चल रही है । लेकिन प्रशासन अभी इससे अनजान बना हुआ है, मानो इनको इस कार्यक्रम का कोई जानकारी ही ना हो। ऐसे में आखिर जिम्मेदार कौन हैं ?