Tuesday, October 14, 2025
HomeNewsbeatकलेक्ट्रेट में मचा हड़कंप, एसडीएम की कार ने मारी मंत्री प्रतिनिधि की...

कलेक्ट्रेट में मचा हड़कंप, एसडीएम की कार ने मारी मंत्री प्रतिनिधि की गाड़ी को टक्कर

शाहजहांपुर(राष्ट्र की परम्परा)
कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर गुरुवार दोपहर उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब एसडीएम सदर न्यायिक प्रियंका चौधरी की कार अचानक बेकाबू होकर सड़क पर दौड़ पड़ी। तेज रफ्तार कार ने पहले केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद के कार्यालय प्रभारी अनिल तिवारी की गाड़ी को जोरदार टक्कर मारी और फिर सीधे सड़क पार खड़ी वकीलों की गाड़ियों में जा घुसी। गनीमत रही कि मौके पर कोई राहगीर या अधिवक्ता चपेट में नहीं आया, वरना कलेक्ट्रेट गेट पर बड़ा हादसा होना तय था।
सूत्रों के मुताबिक हादसे के वक्त एसडीएम कार में सवार थीं, लेकिन गाड़ी कोई प्रशिक्षित चालक नहीं बल्कि एक होमगार्ड चला रहा था। टक्कर के बाद हड़कंप मचते ही होमगार्ड घबराकर भाग खड़ा हुआ। यह खुलासा होते ही सवालों का तूफान उठ खड़ा हुआ कि आखिर इतनी जिम्मेदारी वाला वाहन किसी होमगार्ड को क्यों सौंपा गया था।
मामले को और संगीन बनाता है यह तथ्य कि एसडीएम की सवारी वाली यह कार आउटसोर्सिंग के माध्यम से लगाई गई थी, लेकिन उसके पास टैक्सी परमिट तक नहीं था। नियम साफ कहते हैं कि किसी भी विभाग में आउटसोर्सिंग से लगाए गए वाहन का टैक्सी परमिट होना अनिवार्य है। ऐसे वाहनों पर हर साल टैक्स वसूलना जरूरी होता है, जबकि यह गाड़ी सीधे तौर पर राजस्व की हानि कर रही थी।
जानकार बताते हैं कि शाहजहांपुर में कलेक्ट्रेट समेत तमाम विभागों में यही खेल चल रहा है। आउटसोर्सिंग के नाम पर बिना परमिट वाले वाहन धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं। इसमें एआरटीओ दफ्तर से लेकर कलेक्ट्रेट तक के अफसरों की मिलीभगत की चर्चा है। सवाल ये है कि क्या अधिकारी आंख मूंदे बैठे हैं या फिर इस पूरे खेल में हिस्सेदार हैं।
फिलहाल हादसे ने जिले के प्रशासनिक तंत्र की पोल खोल दी है। जनता और वकील खुलकर सवाल पूछ रहे हैं कि जब एक एसडीएम की गाड़ी ही नियम तोड़कर चल रही है तो आम जनता के वाहनों से कैसा न्याय होगा? अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या इस प्रकरण में सख्त कार्रवाई होगी या फिर यह मामला हमेशा की तरह फाइलों के बोझ तले दबकर रह जाएगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments