Thursday, October 16, 2025
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लाखों की लागत से बने अंत्येष्टि स्थल पर आने जाने के लिए रास्ता नहीं, जंगल में हुआ तब्दील

जनकपुर स्थित रेंहाव नाले पर लाखों रुपयों से निर्मित अंत्येष्टि स्थल बना शो पीस

महराजगंज (राष्ट्र की परम्परा)। विकास खण्ड सदर अन्तर्गत ग्राम पंचायत बागापार के जनकपुर टोला के पास रेंहाव नाले पर स्थित स्थान पर लाखों रुपए खर्च कर अंत्येष्टि स्थल का निर्माण किया गया है जो जिले के सबसे बड़े ग्राम सभा के नाम से जाना जाता है। इस ग्राम सभा की जनसंख्या लगभग 25 हजार है। ग्राम सभा में लोगों के अन्तिम दाह संस्कार करने के लिए कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है इसके साथ साथ क्षेत्र के लगभग गांव के लोगों द्वारा चानकी घाट पर अन्तिम संस्कार हेतु शवदाह क्रिया सम्पन्न करते हैं जो बागापार के जनकपुर टोला में पड़ता है परन्तु रख रखाव के आभाव और अन्य सुविधाएं न होने के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।खासकर बरसात के दिनों में अंत्येष्टि स्थल तक जाने के लिए रास्ता न होने से यहां की स्थिति अत्यन्त नारकीय हो जाती है। ऐसी परिस्थिति में जनहित की अहम समस्या को दृष्टिगत रखते हुए बागापार के जनकपुर घाट पर अंत्येष्टि स्थल (शवदाह गृह) जाने के लिए रास्ता नितान्त आवश्यक है जिसको लेकर बागापार के समाजसेवी उमेश चन्द्र मिश्र सहित अन्य ग्रामीणों ने कहा कि जिम्मेदारों की रुचि नहीं होने के कारण ऐसी स्थिति है।
प्राप्त समाचार के अनुसार विकास खण्ड सदर अन्तर्गत ग्राम पंचायत बागापार के जनकपुर टोला के पास रेहाव नाले स्थित स्थान पर लगभग 25 लाख रुपए खर्च कर वर्ष 2021-2022 मे अंत्येष्टि स्थल का निर्माण किया गया है जो जिले के सबसे बड़े ग्राम सभा के नाम से जाना जाता है। इस ग्राम सभा में 28 टोले है जिसमें सड़कहियां , बेलहिया,बरईठवां , लखनपुर , पिपरा जनकपुर बरगदवां, जनकपुर,कोदईपुर ,वहेरवा किशोरपुर, शिवपुर, शंकरपुर,बनहिया
अवधपुर,नाऊ टोला, विशनपुरवां, रामपुर आदि शामिल हैं जिसकी जनसंख्या लगभग 25 हजार है ग्राम सभा में अंत्येष्टि स्थल (शवदाह गृह) होने पर भी लोगों के अन्तिम दाह संस्कार करने के लिए कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है कारण यह है कि इस स्थल जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है जो वर्तमान समय में यह जगह जंगल में हुआ तब्दील हो गया है। जनकपुर स्थित रेंहाव नाले पर लगभग 25 लाख रुपयों से निर्मित अंत्येष्टि स्थल शो पीस बनकर रह गया है जो बागापार के जनकपुर टोला में पड़ता है परन्तु रख रखाव के आभाव और अन्य सुविधाएं न होने के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है खासकर बरसात के दिनों में स्थल तक जाने के लिए रास्ता न होने से यहां की स्थिति अत्यन्त नारकीय हो जाती है। ऐसी परिस्थिति में जनहित की अहम समस्या को दृष्टिगत रखते हुए बागापार के जनकपुर घाट पर अंत्येष्टि स्थल (शवदाह गृह) जाने के लिए रास्ता होना नितांत आवश्यक है जिसको लेकर बागापार के ग्रामीणों में समाजसेवी उमेश चन्द्र मिश्र,क्षेत्र पंचायत सदस्य साबीर अली, शिवेंद्र त्रिपाठी,रिंटू पाण्डेय आदि लोगों ने कहा कि जिम्मेदारों के उपेक्षा का शिकार हुआ है। इसपर किसी की नजर नहीं है लेकिन विकास की बड़ी बड़ी बाते करने में यह कभी रुकते नहीं है जो लाखों रुपए खर्च से बने अंत्येष्टि स्थल (शवदाह गृह) आज असुविधा के कारण जंगल हो गया है।
इस संबंध में ग्राम प्रधान विवेक प्रताप सिंह ने कहा कि अंत्येष्टि स्थल तक जाने के लिए रास्ता है लेकिन लेखपाल रास्ते का पैमाईश नहीं कर रहे हैं। इस संबंध में हल्का लेखपाल सुनील यादव ने कहा कि बागापार में
अत्योष्टि स्थल तक जाने के लिए रास्ता नहीं है लोगों का खेत है । आपसी सहमति होने से ही रास्ता बनाया जा सकता है ।

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