June 28, 2025

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

वासनाए दो प्रकार की होती है-राघवेंद्र शास्त्री

सलेमपुर/देवरिया(राष्ट्र की परम्परा) ओझवलिया में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस केरल से आए राघवेंद्र शास्त्री ने कहा वासनाए दो प्रकार की होती है। शुभ और अशुभ और वासनाएं प्रारब्ध बनकर जीव के साथ हमेशा रहता है हिरण्यकश्यप को असुर वृत्ति के हैं तो उनके पुत्र प्रहलाद दैविक गुना से संपन्न है लेकिन भगवान सब पर कृपा बराबर करते हैं “सब पर प्रीत बराबर मोहि ” भगवान की नजर में सब उनके बच्चे ही है नरसिंह भगवान ने कृपा दोनों पैर की
आगे शास्त्री जी ने समुद्र मंथन की कथा सुनाई
इस दौरान मुख्य श्रोता गंगा शरण पाठक,राम चीनी देवी,अरविंद पाठक,पुनीत पाठक, अजय मणि त्रिपाठी, संतोष, अरुण सिंह,रमेश तिवारी, इत्यादि लोग मौजूद रहे