December 23, 2024

राष्ट्र की परम्परा

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वाद-विवाद नहीं, संवाद से निकलेगा रास्ता : प्रो.पूनम टंडन

स्त्री-पुरुष संबंधों में बड़े विवाद पीछे कारण छोटे : अंजू चौधरी

गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग में ‘जेंडर वायलेंस’ पर केंद्रित कार्यक्रम (मिशन शक्ति) की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने कहा कि स्त्री-पुरुष संबंधों को स्वस्थ बनाने हेतु संवाद की बड़ी भूमिका है. वाद विवाद से कोई हल नहीं निकल सकता। एक-दूसरे का सम्मान ही उन्नति का मार्ग खोलता है। लिंग आधारित हिंसा से न केवल परिवार बल्कि समाज भी कमजोर पड़ जाता है. जो स्त्री या पुरुष अपने जीवनसाथी की इज्जत नहीं कर सकता उसका भविष्य भी उज्जवल नहीं हो सकता।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पूर्व मेयर तथा महिला आयोग की पूर्व उपाध्यक्ष अंजू चौधरी ने कहा कि जेंडर वायलेंस का बड़ा कारण स्वीकार्यता की कमी का होना है। स्त्री-पुरुष जब एक दूसरे की उपस्थिति को स्वीकार करते हैं तो सम्मान सहज ही उपजने लगता है। स्त्री – पुरुष के बीच बड़े विवाद के पीछे अमूमन बहुत छोटे कारण होते हैं। इसका निदान जागरूकता से संभव है। मिशन शक्ति फेज 5 इस कार्य को बखूबी निभा रहा है।
विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ अधिवक्ता अमिता शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि जेंडर वायलेंस का शिकार अधिकांशतः स्त्रियां होती हैं। इस हिंसा के रोकथाम हेतु भारतीय संविधान में समुचित प्रावधान किए गए हैं। जेंडर वायलेंस एक अपराध है। इसे छिपाना नहीं चाहिए। भारतीय संविधान इसमें आपकी ताकत बनकर खड़ा है।
सारस्वत अतिथि विधि संकाय के पूर्व अधिष्ठाता एवं अध्यक्ष प्रो. जितेंद्र मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय परंपरा एवं संविधान दोनों में स्त्री को निर्णायक शक्तियां मिली हुई हैं। जरूरत उन शक्तियों को अर्जित करने की है।
रसायन विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. उमेश नाथ त्रिपाठी ने स्वागत वक्तव्य देते हुए कहा कि जेंडर वायलेंस आज के समय का एक ज्वलंत विषय है। समाज को विकास की दौड़ में आगे होने के साथ-साथ निरंतर स्वयं में परिष्कार करने की भी आवश्यकता है। जेंडर वायलेंस समाज का कोढ है और हमें इसे उखाड़ फेंकने की जरूरत है।
इस कार्यक्रम का संचालन रसायन विज्ञान विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रीति गुप्ता और आभार ज्ञापन असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. गीता सिंह ने किया। इस कार्यक्रम के दौरान रसायन विज्ञान विभाग के सभी शिक्षक एवं शिक्षिकाओं के साथ-साथ शोधार्थी एवं विद्यार्थी भी उपस्थित रहे।