
गोरखपुर(राष्ट्र की परम्परा)। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर के तत्वाधान में मिलेट रिवाइवल प्रोग्राम के अन्तर्गत शुक्रवार को उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिशद लखनऊ के वित्तिय सहयोग से मडूआ-रागी का वैल्यू एड्ड बिस्किट का मध्याहन भोजन के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय के बच्चों में स्वास्थवर्धन हेतु वितरण कार्यक्रम का अयोजन कम्पोजिट प्राथमिक विद्यालय रामगढ़ चैरी, खोराबार गोरखपुर में किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा माॅ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रजज्वलन से हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर प्रो. पूनम टन्डन, कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने ज्ञान एवं शोध का उपयोग सदैव समाज के हित के लिए करते हुए उत्कृष्ठ शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ अपने सामाजिक दायिात्वों का भी प्रभावी निर्वहन कर कहा है। आज हम देश के कर्णधार प्राथमिक विद्यालय के नन्हे-मुन्हें बच्चों को मडूआ-रागी के बिस्किट प्रदान कर इन्हे मिलेट के उपयोग के प्रति जागरूक कर रहे है। रागी के बिस्किट में पोषक तत्वों की अधिकता इनके स्वास्थ के लिए वेहतर होगा। मोटे अनाज के महत्व के दृष्टिगत हमारा विश्वविद्यालय मिलेट की खेती के लिए भी अपने समाज के लोगों अपने शोध की सहायता से सहयोग प्रदान करते हुए प्रेरित कर रहा है।
कार्यक्रम में कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डाॅ. संजय सिंह ने कहा कि हमारा संस्थान विश्वविद्यालय की सहायता से प्राथमिक विद्यालय के बच्चों के स्वास्थ जागरूक्ता हेतु मडूआ बिस्कुट के वितरण के साथ-साथ मिलेट की खेती के प्रति लोगों को जागरूक कर रहा है। विश्वविद्यालय की सामाजिक गतिविधियां अत्यंत सहाराहनीय है।
प्रो. दिनेश यादव, पूर्व विभागाध्यक्ष, बायोटेक्नोलाॅजी ने कहा की मोटे अनाज मानव स्वास्थ के लिए बेहतर है।
प्रो. राजर्शि कुमार गौऱ विभागाध्यक्ष, बायोटेक्नोलाॅजी ने मिलेट की खेती तथा अपने खाद्यान्नों में इसे सम्मिलित करने पर प्रकाश डाला।
प्रो. केशव सिंह, आचार्य, प्राणि विज्ञान विभाग ने कहा कि जैविक खेती से मिलेट का उत्पादन एवं प्रयोग हमारे स्वास्थ के लिउ लाभप्रद है।
डाॅ. रामवन्त गुप्ता, सहयुक्त आचार्य, वनस्पति विज्ञान ने कहा की प्राथमिक विद्यालय में मडूआ बिस्कुट का वितरण कार्यक्रम लोगों में मडूआ के अपयोग हेतु जागरूक करना है, क्योंकि मडूआ में दूध के अपेक्षा तीन गुना ज्यादा कैल्सियम पाया जाता है।
प्रधान संघ अध्यक्ष महेन्द्र पासवान ने कहा कि मडूआ में महत्वपूर्ण पौष्टिक तत्वों की अधिकता के कारण इसकी खेती तथा उपयोग दोनों बहुत जरूरी है।
कार्यक्रम का संचालन प्रिंयका गुप्ता तथा धन्यवाद ज्ञापन अमित कुमार मिश्र ने किया।
इस अवसर पर डाॅ. श्वेता सिंह, महायोगी गोरक्षनाथ, कृषि विज्ञान केन्द्र, चैकमाफी एवं डाॅ. कुलदीप महायोगी गुरूश्री गोरक्षनाथ विश्वविद्यालय, गोरखपुर तथा प्राथमिक विद्यालय के अघ्यापक एवं अध्यापिका के साथ–साथ लगभग 450 बच्चों ने प्रतिभाग किया।
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