महराजगंज/उत्तर प्रदेश (राष्ट्र की परम्परा)। नौतनवां तहसील क्षेत्र के लक्ष्मीपुर ब्लॉक में स्थित प्राचीन बौद्ध स्थल देवदह में तीन दिवसीय प्रवज्जा प्रशिक्षण, विपश्यना और देवदह महोत्सव का भव्य समापन गुरुवार को हुआ। समारोह में देशभर से आए बौद्ध भिक्षु, अनुयायी और स्थानीय नागरिकों ने हिस्सा लिया।
मुख्य अतिथि पूर्व डीजीपी विजय कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि तथागत बुद्ध के उपदेशों में मानवता और विश्व शांति का संदेश निहित है। उन्होंने देवदह क्षेत्र के विकास के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इससे स्थानीय रोजगार सृजन होगा और युवाओं का पलायन रुकेगा। उन्होंने बौद्ध धर्म को अहिंसा, करुणा और त्याग का प्रतीक बताते हुए कहा कि जीवन के दुःखों का निवारण लोभ त्याग से संभव है।
पूर्वांचल कोरी जागृति संस्थान के संयोजक सुग्रीव राम ने कहा कि बौद्ध धर्म विज्ञान, तर्क और बुद्धि पर आधारित है और इसे आज जन-जन तक पहुँचाने की आवश्यकता है। वहीं श्रवण कुमार पटेल ने कहा कि बौद्ध धर्म जाति विहीन समाज की स्थापना करता है और देवदह भूमि तथागत बुद्ध के चरणों से पवित्र है। डॉ. ममता ने कहा कि देवदह का विकास न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक समृद्धि का मार्ग खोलेगा।
यह तीन दिवसीय सम्मेलन 14 से 16 अक्टूबर तक आयोजित हुआ, जिसमें बौद्ध शिक्षा, अहिंसा, करुणा, मानवता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर चर्चा की गई। सम्मेलन में यह संकल्प लिया गया कि देवदह को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन सर्किट में प्रमुख स्थान दिलाने के लिए संयुक्त प्रयास किए जाएंगे। कार्यक्रम का संचालन जितेंद्र राव, अध्यक्ष देवदह बौद्ध विकास समिति ने किया।
समारोह में भंते अमित प्रिय, श्रवण कुमार पटेल, डॉ. ममता, सुग्रीव राव, जितेंद्र राव, महेंद्र जायसवाल, लक्ष्मी चंद्र पटेल, रोहित गौतम, संतराम अखिलेश कुमार, राममिलन, ज्वाला, अर्चना कोरी, बेचू कन्नौजिया, छोटू, विनोद, जयप्रकाश, अनिल गौतम, जयराम कोरी, राम प्रकाश, राम प्रसाद, अंजली कोरी, तारा गौतम, कुसुम गौतम सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।