
भाटपार रानी/देवरिया
(राष्ट्र की परम्परा)
प्राप्त समाचार के मुताबिक भाटपार रानी तहसील क्षेत्र के खामपार थाने के अंतर्गत आने वाले बरईपार पांडेय में स्थित महा विद्यालय के पश्चिम में बखरी बाजार से दक्षिण तरफ पुरैना ग्राम को जाने वाले मुख्य मार्ग से एक संदिग्ध अज्ञात को 24 मार्च की दोपहर के करीब खामपार पुलिस के द्वारा पूछताछ के लिए थाने पर ले कर जाया गया था। आधार कार्ड मांगने पर भी नहीं दिखा सका था युवक जो क्षेत्र के एक समाज सेवी द्वारा पुलिस के हवाले कराया गया था। किन्तु संभवतः खामपार थाने के पुलिस द्वारा बिना किसी ठोस जांच एवं तथ्य की जानकारी एवं परख किए बगैर ही छोड़ दिया गया है जो खबर सामने आ रही है। उसके मुताबिक युवक अपना नाम नेफाज अहमद जबकि अपने भाई का नाम राहुल कुमार बता रहा था। जो बाद में राहुल की जगह सकुर अहमद बताया जाने लगा था अब सवाल यह उठता है की युवक पहले झूठ क्यों बोल रहा था की राहुल है। जो बाद में सकुर निकला वहीं पकड़े गए युवक से जब आधार क्यों नहीं दिखा पा रहे हो तो उसके द्वारा बताया गया था कि हम “भाटपार रानी से ही आधार कार्ड बनवा कर रक्खे हैं” ।जो की मूलतः अपना पता मुर्शिदाबाद बंगाल का बता रहा था। जो कि अब कई सारे सवाल सामने मुंह बाए खड़े हो गए हैं मसलन जैसे कि युवक अपना उम्र महज 16 वर्ष ही बताया जो कि नाबालिकहै। फिर एक नाबालिक से कानूनन के तहत फेरी/धंधा करवानाअपराध है। फिर उक्त युवक के पिता पर नाबालिक से धंधा करने कराने के एफआईआर क्यों नहीं दर्ज कीए गए हैं। वहीं अब दूसरा सवाल यह कि भाटपार रानी कस्बे में वह कौन सा आधार कार्ड सेन्टर है जो कि फर्जी आधार कार्ड बना रहा है बंगाल के मुर्शीदा बाद से आए लोगों का। जबकि वह मकान मालिक कौन है जो बिना किसी पुलिस जॉच अथवा आवश्यक सूचना के ही कैसे करीब दो दर्जन की संख्या में बाहरी लोगों को अपना मकान विगत करीब 6 वर्ष से दे रक्खा है जैसे की युवक व इसके लोग बता रहे हैं। अब सवाल यह भी है कि बिहार से सीमावर्ती क्षेत्र होने के नाते अतिरिक्त सतर्कता बरतने के बजाए इतने दिनों से इस पर स्थानीय पुलिस प्रशासन की नजर जाने के बजाए मौन रह पर्दा डालने का काम क्यों किया गया है। वही अब भी जारी है।
सवाल यह भी है की भाटपार रानी पुलिस सर्किल क्षेत्र में आने वाले सभी थाना क्षेत्र, खामपार, बनकटा , श्रीरामपुर, भाटपार रानी, जो वर्तमान समय में पहले की तुलना में अपराध की दृष्टिकोण से अधिक संवेदन शील हुए हैं। जो तमाम तरह के तस्करी की घटना सहित क्षेत्र में तमाम अज्ञात संदिग्ध डेड बॉडी मिलने लगी हैं ।जिनका सिनाख्त नहीं हो पा रहा है। जिसमें विगत करीब 6 माह पूर्व में सोहनपुर बजार के पश्चिम में मिले एक शव जबकि बगल के सलेमपुर पुलिस सर्किल के लार में अज्ञात मिले एक शव सहित भटनी क्षेत्र में अज्ञात संदिग्धों द्वारा युवक के हुए हत्या के के घटना का खुलासा नहीं होने सहित डेड वाडी की सिनाख्त नहीं हो सकी थी।
अब सवाल यह उठता है की इस संदर्भ में पूछने पर जो वर्तमान थाना प्रभारी खामपार बोल रहे हैं कि आधार कार्ड देख कर छोड़ा गया है। तो वह गलत क्यों बोल रहे हैं क्यों कि उसके आधार कार्ड में उम्र नाबालिक का होगा यदि युवक सही बोल रहा है .?????
या फिर वह संदिग्ध युवक झूठ बोल रहा है जिसे खामपार पुलिस ले कर गई थी…???
क्यों कि अगर युवक सही बोल रहा है तो आधार कार्ड पर उम्र 16 वर्ष अंकित होगा तब नाबालिक धंधा नहीं कर सकता है।यह कानूनन गुनाह भी है।जो बाल अपराध है वहीं इस हेतु युवक के पिता के विरुद्ध एफआईआर दर्ज होनी चाहिए थी। जो कि खामपार थाने के द्वारा नहीं किया गया है । यह खामपार थाने के जिम्मेदारों के द्वारा अपने कर्तव्य में बरते गए घोर लापरवाही का द्योतक भी है।
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