नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)।लद्दाख के प्रख्यात शिक्षा सुधारक और जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार, लद्दाख प्रशासन और जोधपुर सेंट्रल जेल से जवाब तलब किया है।न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति एन.वी. अंजारिया की पीठ ने यह निर्देश देते हुए मामला 14 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध किया।याचिका में अंगमो ने अपने पति की राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत की गई गिरफ्तारी को संविधान के अनुच्छेद 22 के उल्लंघन के रूप में चुनौती दी है।🔹 सिब्बल बोले – “बिना गिरफ्तारी के कारण बताए न्याय कैसे मिलेगा?”गीतांजलि अंगमो की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि बिना हिरासत आदेश की प्रति दिए परिवार न्यायिक प्रक्रिया में प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता।उन्होंने कहा, “हमें न तो गिरफ्तारी के कारण बताए गए, न ही दस्तावेज़ की प्रति दी गई। पत्नी अब तक पति से नहीं मिल सकी हैं, केवल इंटरकॉम से ही बातचीत हो रही है।”🔹 केंद्र ने कहा – “यह भावनात्मक माहौल बनाने की कोशिश”वहीं, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि वांगचुक को हिरासत के आधार पहले ही सौंपे जा चुके हैं और उनके भाई उनसे मिल चुके हैं।उन्होंने कहा, “यह याचिका केवल मीडिया में शोर मचाने और सहानुभूति बटोरने के लिए दायर की गई है। किसी को मिलने से नहीं रोका गया है।”मेहता ने यह भी बताया कि 12 लोगों की सूची दी गई है जो वांगचुक से मिल सकते हैं, और उन्हें सभी आवश्यक चिकित्सा सुविधाएँ दी जा रही हैं।🔹 सुप्रीम कोर्ट ने कहा – “पत्नी को आधार प्रति देने में कोई बाधा नहीं”पीठ ने कहा कि कानूनन हिरासत में व्यक्ति को आधार कारणों की जानकारी दी जानी चाहिए।हालाँकि अदालत ने इस स्तर पर कोई आदेश पारित नहीं किया, पर यह स्पष्ट किया कि पत्नी को हिरासत आधार की प्रति देने में कोई कानूनी बाधा नहीं है।अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि “वांगचुक को सभी आवश्यक दवाइयाँ, कपड़े और चिकित्सीय देखभाल दी जाए।”यह उल्लेखनीय है कि हिरासत से पहले वांगचुक उपवास पर थे और गिरफ्तारी के समय उनके पास व्यक्तिगत सामान भी नहीं था।🔹 क्या है मामला?लद्दाख के चर्चित समाजसेवी सोनम वांगचुक, जिन्होंने शिक्षा और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, को 26 सितंबर को एनएसए के तहत हिरासत में लिया गया था।उनकी गिरफ्तारी के बाद देशभर में व्यापक विरोध और राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ सामने आई थीं।
सुप्रीम कोर्ट ने सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर केंद्र और लद्दाख प्रशासन से मांगा जवाब“हल्ला मचाने” के आरोपों के बीच अदालत ने कहा – दवाइयाँ और सुविधाएँ मिलनी चाहिए, लेकिन आदेश अभी नहीं
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