Monday, October 13, 2025
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भक्ति, नीति और धर्म का अद्भुत संगम बना श्रीमद्भागवत कथा का द्वितीय दिवस

विदुर चरित्र, वराह और कपिल अवतार की कथा सुनाकर भक्तों को किया भावविभोर

संत कबीर नगर (राष्ट्र की परम्परा)। जिला मुख्यालय के औद्योगिक क्षेत्र स्थित हीरालाल रामनिवास इंटर कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य रामकुमार सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भारत तिब्बत समन्वय संघ के परिसर में चल रही नौ दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के द्वितीय दिवस में श्रद्धालु भक्ति और अध्यात्म में सराबोर दिखे। वृंदावन धाम से पधारे कथा वाचक प.पू. बाल योगी पचौरी जी महाराज ने पर विदुर चरित्र, वराह अवतार और कपिल अवतार की दिव्य कथा का भावपूर्ण वर्णन किया, जिससे उपस्थित श्रोता भावविभोर हो उठे।
महाराज ने कहा कि विदुर चरित्र नीति, धर्म और सत्य के प्रति अटूट निष्ठा का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि विदुर जी ने अपने जीवन में न्याय और धर्म को सर्वोपरि रखकर समाज को आदर्श नीति का मार्ग दिखाया।
इसके बाद महाराज ने भगवान के वराह अवतार की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि जब पृथ्वी असुर हिरण्याक्ष के अत्याचारों से पाताल लोक में चली गई, तब भगवान ने वराह रूप धारण कर उसे अपने दाँतों पर उठाया और पुनः स्थापन किया। यह प्रसंग हमें यह संदेश देता है कि भगवान सदैव धर्म की रक्षा के लिए अवतरित होते हैं।
अंत में कपिल अवतार की कथा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि भगवान कपिल ने अपनी माता देवहूति को आत्मज्ञान का उपदेश देकर मोक्ष का मार्ग प्रशस्त किया। कथा के दौरान भजन-कीर्तन की मधुर स्वर लहरियों और शंखनाद से पूरा परिसर भक्तिमय हो उठा। श्रद्धालु जयघोष करते हुए कथा रस में डूबे रहे।
इस अवसर पर कथा परीक्षित उर्मिला सिंह, रामकुमार सिंह के अतिरिक्त डॉ. के. के. सिंह, रमाशंकर सिंह, मुन्नी देवी, डॉ. श्याम कुमार सिंह, एमएलसी संतोष कुमार सिंह, एमएलसी प्रतिनिधि ई. सुधांशु सिंह, अयांश बाबू सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित रहे।

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