मोदी के कटप्पा ने बाहुबली को मार भगाया
ओमप्रकाश राजभर और उनके बेटों को राजभर समाज में उनकी हैसियत बताई : महेन्द्र राजभर
मऊ(राष्ट्र की परम्परा)घोसी उपचुनाव जहां भाजपा के नाक का सवाल बन गया था और इसकी चर्चा राष्ट्रीय फलक पर हो रही थी वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कटप्पा की भी प्रतिष्ठा इस चुनाव में दांव पर लगी हुई थी । हालांकि कटप्पा इस बार घोसी उपचुनाव में भाजपा के साथ न होकर समाजवादी पार्टी के पाले में था और इस बार कटप्पा ने बाहुबली को मार दिया। 2017 के विधानसभा चुनाव में एनडीए प्रत्याशी महेंद्र राजभर जब माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे तो उनके प्रचार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मऊ आए हुए थे और मंच से उन्होंने महेंद्र राजभर की पीठ थपथपाते हुए उनको कटप्पा का उपनाम दिया तथा कहा था यही कटप्पा बाहुबली को मारेगा। यद्यपि उस चुनाव में कटप्पा लगभग 6000 मतों से चुनाव नहीं जीत पाया था। लेकिन इस बार मोदी की बात सत्य हुई और कटप्पा ने बाहुबली को मार गिराया।
सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर की पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे महेंद्र राजभर “कटप्पा” ने पार्टी से से 5 सितंबर 2022 को बगावत कर 27 सितंबर 2022 को नई पार्टी “सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी” की स्थापना किया। यही नहीं विगत एक वर्ष से लगातार ओम प्रकाश राजभर के खिलाफ महेंद्र राजभर मुखर रहे हैं और सुभासपा को बाप बेटों की पार्टी की संज्ञा देते रहे हैं।
घोसी उपचुनाव में शानदार जीत दिलाने वाली टीम का प्रमुख हिस्सा रहे सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्र राजभर “कटप्पा” ने सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी समर्थित समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सुधाकर सिंह की ऐतिहासिक जीत पर कहा कि सबसे पहले मैं घोसी की जनता को इसलिए हृदय से धन्यवाद देता हूं, आभार प्रकट करता हूं क्योंकि घोसी की जनता ने सुधाकर सिंह को भारी बहुमत से जिताकर, जनादेश का अनादर करने वाले दो धोखेबाजों को उनकी औकात बता दिया है। उन्होंने कहा कि घोसी के राजभर समाज के ऐसे सभी लोगों का आभार प्रकट करता हूं जिन्होंने हमारे आह्वान पर बिना किसी शोर शराबे के सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी समर्थित प्रत्याशी के पक्ष में बढ़-चढ़कर मतदान किया। घोसी के परिणाम से यह सिद्ध हो गया है कि चक्रवर्ती सम्राट महाराजा सुहेलदेव के वंशज अब बाप बेटों की पार्टी के साथ नहीं बल्कि सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी के साथ खड़े हैं। राजभर ने कहा कि विधानसभा चुनाव 2022 के गठबंधन में 17 सीट मिलने के बावजूद बाप बेटों के अलावा एक भी राजभर के बेटे को चुनाव नहीं लड़ाये जाने का बदला राजभर समाज ने घोसी में लिया है और आगे भी क्रमशः एक-एक करके लेगा।
राजभर ने कहा कि इस चुनाव में सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी ने बाप बेटों को जमीन पर ला दिया और घर-घर दौड़ाकर यह साबित कर दिया है कि अब ओमप्रकाश राजभर और उनके बेटों के पैर के नीचे से जमीन खिसक गई है। उन्होंने कहा कि ओमप्रकाश राजभर केवल भाषण देने वाले नेता है, अब निष्ठावान कार्यकर्ता उनका साथ छोड़ चुके हैं । ओमप्रकाश राजभर के साथ इस समय जो लोग बचे हैं वह किसी न किसी दबाव अथवा मजबूरी में हैं। जल्द ही सभी कार्यकर्ता सुभासपा छोड़कर सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी का दामन थामेंगे।भाजपा नेतृत्व की तरफ इशारा करते हुए राजभर ने कहा कि बंदर स्वभाव के दो नेताओं को अपने पास बुलाकर भाजपा ने बड़ी भूल कर दी है और यदि यह उनके साथ रहे तो आगे भी असफलता के रूप में गंभीर परिणाम भुगतना पड़ सकता है ।
एसएसपी सुप्रीमो महेंद्र राजभर ने कहा कि ओम प्रकाश राजभर ने तो यादवों की बुद्धि 12 बजे के बाद खुलती है, राजभर समाज पियक्कड़ है और 11 बजे के बाद काउंटिंग में सपाई नहीं दिखेगें आदि बयान का दिया था साथ ही यह भी कहा था अगर अखिलेश यादव को सैफई न भेज दिया तो असल मां-बाप का बेटा नहीं । अब ओम प्रकाश राजभर ही बताएं कि वह असल मां-बाप के बेटे हैं या नहीं ?
More Stories
ट्रक और डबल डेकर बस की जोरदार टक्कर में पांच की मौत
सिटीजन फोरम की पहल, हिंदी की पाठशाला कार्यक्रम आयोजित
जयंती की पूर्व संध्या पर दी गई मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि