मऊ (राष्ट्र की परम्परा) जनपद के शहर के मलिक टोला ईमाबाड़ा से हर साल की तरह इस साल भी परम्परागत तरीके से, मोहर्रम कि सातवी तारीख का अलम व जुलजना का जुलुस सदर चौक से होते हुए पठानटोला तथा संस्कृत पाठशाला होते हुए क़र्बला मिट्टी लेने गये ।
जुलुस के फ़ौरन मौलाना नसीमुल हसन साहब ने तकरीर मे बताया कि सातवीं मोहर्रम के दिन ही इमाम हुसैन के खेमे मे एक बुंद पानी नही बचा था।इमाम हुसैन और् उनका परिवार् कर्बला मे पानी के लिए तड़प रहा था। छोटे छोटे बच्चे प्यासे थे। आज उन्ही क़ी याद मे सवारी जुलजना निकाला जाता हैं।
अंजुमन बाबुल इल्म जाफरिया ने नौहख्वानी व सीनाजनी पेश की। जिसमे मुख़्य रूप से ताजियेदार व मोहतवल्ली सैयद अली अंसर, शुजात अली आयान आमान,मंसूर आज़म, फैजी, जावेद, , रेहान, फरहांन, तामिर खान,परवेज, वसीम खान, इब्राहीम, जहीर खान आदि लोग मौजूद रहें।
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