आगरा(राष्ट्र की परम्परा)
कर्नाटक में जैन सन्त कामकुमार नन्दी की बर्बरता पूर्वक हत्या कर दी गयी थी। इस घटना के सामने आने के बाद लोगों ने कर्नाटक सरकार पर कई सवाल उठाए हैं। उनका कहना हैं की यह राज्य सरकार की हिंदू विरोधी नीतियों का परिणाम है। वहीं संत की निर्मम हत्या से पूरे देश के लोगों में दुःख तो है ही परन्तु आक्रोश भी भर गया है।राष्ट्रवादी सामाजिक चिंतक एवं वरिष्ठ पत्रकार पंकज जैन ने इस निर्मम हत्या के सन्दर्भ में कहा कि कर्नाटक के बेलगाम के चिकोडी में दिगंबर जैन भिक्षु आचार्य कामकुमार नंदी की नृशंस हत्या ने पूरे भारत के आध्यात्मिक-धार्मिक समुदाय और पारिस्थितिकी तंत्र को झकझोर कर रख दिया है, आजाद भारत के इतिहास में पहली बार इस प्रकार किसी दिगंबर मुनि के टुकड़े कर इस प्रकार बर्बर हत्या की गयी है। आज पूरी दुनिया के जैन समाज में रोष बना हुआ है। दुनिया को अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले पूज्य जैन आचार्य का अपहरण और फिर उनके पवित्र शरीर को काट देना ऐसा प्रतीत होता है, कि यह राज्य में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार की हिंदू विरोधी नीतियों का परिणाम है। जैन मुनि पिछले 15 वर्षों से आनंद पर्वत पर रहकर स्थानीय समाज की सेवा कर रहे थे।जब से प्रदेश की नई सरकार के मंत्री गोहत्या विरोधी और धर्मांतरण विरोधी कानून हटाने की बात कर रहे हैं। तब से धर्म द्रोही और राष्ट्र विरोधी ताकतों का दुस्साहस बढ़ गया है तथा जिस प्रकार जैन धर्म विरोधी मनसिकता जिस प्रकार सक्रिय हो रही है। इस तनावपूर्ण माहौल में जैन समाज की मांगों को स्वीकार करते हुए, राज्य व केंद्र सरकार जैन सन्तो की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्वयं लें व पूरे देश में चातुर्मास के दौरान जहां भी जैन संत विराजमान हैं, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाये। क्योंकि जैन सन्तो पर पूर्व में भी जानलेवा हमले होते रहे हैं। जैन समाज के अनेको संगठनों/संस्थाओ द्वारा जैन सन्तो की सुरक्षा हेतु व जैन धर्म के विरोध में काम करने वाली मानसिकता पर कार्यवाही हेतु मांग समय – समय पर उठती रही है। परंतु राज्य सरकारों द्वारा जैन समाज के इन सभी मुद्दों की लगातार अनदेखी की गई है, और कहीं न कहीं इस प्रकार के व्यवहार ने ही आज अपराधियो का हौसला इतना बढ़ा दिया है कि कामकुमार जैसे जैन संत को इतनी बर्बरता से कत्ल कर दिया जाता है।
जैन ने आगे कहा कि जैन समाज केंद्र व प्रदेश सरकारों से मांग करता है कि जैन सन्तो व जैन धर्मावलंबियों की सुरक्षा सभी सरकारें सुनिश्चित करें व प्रत्येक प्रदेश व केंद्र में जैन धर्म सुरक्षा आयोग का गठन हो, ताकि ऐसी आपराधिक घटनाओ पर व समाज विरोधी संगठन की गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके। जैन संत कामकुमार नंदी के बर्बर हत्या कांड से जैन समाज में शोक व रोष व्याप्त है व जिस प्रकार दिगंबर जैन आचार्य काम कुमार नंदी महाराज को घोर यातनाएं देते हुए उनकी हत्या करके उनके शव को टुकड़ों में बांट दिया गया है, यह निर्मम हत्या इतिहास के काले पन्नों पर अंकित की जाएगी। जैन धर्म व धर्मावलंबियों की सुरक्षा को लेकर सरकारें शीघ्र आवश्यक कदम उठाने का कार्य करें अन्यथा जैन सन्तो व धर्म की रक्षा हेतु मजबूरन जैन समाज को अपने लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा हेतु लोकतांत्रिक तरीके से पुनः आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा। राज्य सरकार से भी मांग करता हैं कि त्वरित रूप से इन अपराधियों के विरुद्ध बुलडोजर का प्रयोग भी किया जाये व इनके विरुद्ध सख्त कदम उठाते हुए न्यायालय से सजा मिले, इस हेतु आवश्यक कदम उठाने का कार्य करें। जैन समाज को कोई भी कतई कमजोर समझने की भूल ना करें अगर ऐसे बर्बर अपराधियों पर कार्यवाही संतुष्टि पूर्ण नही होती है तो जैन समाज कर्नाटक पहुँच कर एक विशाल आंदोलन करने से भी पीछे नही हटेंगे। राज्य और केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि संत कामकुमार नन्दी की बर्बर हत्या करने वाले अपराधियों का मुकदमा फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में चला जाए ताकि न्यायालय द्वारा शीघ्र इसका निर्णय हो और समाज में कलंक बने। इन अपराधियों पर अंकुश लगाकर हत्यारों और उनके साथियों को अविलंब फांसी की सजा दी जानी चाहिए।
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