बलिया (राष्ट्र की परम्परा)जनपद के सभी नगर पालिका परिषद व नगर पंचायत में नेपाल के लोगो का प्रवेश बाद गया है खास कर सिकंदरपुर नगर क्षेत्र में इन दिनों नेपाली प्रवासी फेरीवालों की संख्या में अचानक वृद्धि देखी जा रही है। विशेषकर बस स्टेशन रोड एवं आसपास के प्रमुख मार्गों पर शीतकालीन कपड़ों की अस्थायी दुकानें सज गई हैं। स्थानीय सूत्रों के अनुसार इन दुकानों के लिए न तो नगर निकाय से कोई अनुमति ली गई है और न ही अतिक्रमण संबंधी नियमों का पालन किया जा रहा है। इसके बावजूद खुलेआम सड़कों और फुटपाथों पर व्यवसाय किया जा रहा है, जिससे यातायात और स्थानीय व्यापारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि वे नियमों के तहत टैक्स और शुल्क देकर दुकानें संचालित करते हैं, जबकि बाहरी फेरीवाले बिना अनुमति व्यवसाय कर रहे हैं। कई स्थानों पर स्थानीय निवासियों द्वारा दुकान लगाने से मना करने की बात भी सामने आ रही है, जिससे तनाव की स्थिति बन रही है। ऐसे में यह आशंका जताई जा रही है कि यदि दुकान लगाने को लेकर नेपाली प्रवासियों और स्थानीय लोगों के बीच विवाद या मारपीट होती है, तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी।एक और गंभीर सवाल सुरक्षा से जुड़ा है। जानकारी के अनुसार सिकंदरपुर में रह रहे नेपाली प्रवासी फेरीवालों का पुलिस द्वारा समुचित सत्यापन (वैरिफिकेशन) नहीं हुआ है। बिना पहचान और पृष्ठभूमि जांच के बाहरी लोगों का बड़ी संख्या में नगर क्षेत्र में रहना और व्यापार करना कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती बन सकता है। नगरवासियों का कहना है कि प्रशासन और नगर निकाय को इस मामले में तत्काल संज्ञान लेना चाहिए। अवैध अतिक्रमण हटाने, बिना अनुमति दुकानों पर कार्रवाई करने और सभी बाहरी फेरीवालों का पुलिस सत्यापन सुनिश्चित करने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके और नगर में शांति एवं व्यवस्था बनी रहे।
नगर क्षेत्र में नेपाली फेरीवालों की बढ़ती संख्या, अतिक्रमण व सुरक्षा पर सवाल
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