August 9, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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झमाझम बारिश ने कस्बे की बदहाल व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी

बलिया (राष्ट्र की परम्परा)। पिछले दो दिनों से हो रही झमाझम बारिश ने कस्बे की बदहाल व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। गांव की आंतरिक सड़कों पर पानी ही पानी नजर आ रहा है। पहले से बहते नालियों के गंदे पानी के साथ अब बारिश का पानी मिल जाने से स्थिति और विकराल हो गई है। गांव की गलियों में घुटनों तक पानी जमा हो गया है, जिससे आवागमन दूभर हो गया है। सबसे अधिक परेशानी संत यतीनाथ बाबा मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं और मस्जिद में नमाज अदा करने वालों को हो रही है। श्रद्धालु और नमाजी कीचड़ और नाले के पानी से होकर मंदिर-मस्जिद पहुंचने को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान पर आरोप लगाते हुए कहा कि बरसात से पहले यदि मुख्य नालों की सफाई कर दी गई होती, तो आज यह स्थिति नहीं होती। ग्रामीणों का कहना है कि जनप्रतिनिधि सिर्फ वोट के समय दिखाई देते हैं और बाद में विकास सिर्फ अपने हितों और खास वोटरों तक सीमित रह जाता है। प्रधान केवल उन्हीं जगहों पर काम करवा रहे हैं, जहां से उन्हें राजनीतिक लाभ दिखता है। गांव की जिला पंचायत सदस्य पर भी लोगों ने नाराजगी जताई। ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने अपने घर के सामने तो नाले का निर्माण करवा लिया, लेकिन वह भी तकनीकी दृष्टि से गलत है, जिससे पानी की निकासी की जगह उल्टा बहाव हो रहा है। वहीं गांव के मुख्य मार्ग पर, चौराहे से शहीद स्मारक तक दोनों ओर सैकड़ों मकान होने के बावजूद नाली का निर्माण अब तक नहीं हुआ है।
ग्रामीणों का कहना है कि विधायक केतकी सिंह को उन्होंने भारी बहुमत से जिताया था, इस आशा में कि गांव की तस्वीर बदलेगी और मुख्य मार्ग पर नाली निर्माण जैसी मूलभूत सुविधाएं मिलेंगी, लेकिन तीन साल बीतने के बाद भी किसी जनप्रतिनिधि ने इस ओर ध्यान नहीं दिया सुखपुरा गांव की स्थिति स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता की जीती-जागती मिसाल बन चुकी है। यदि समय रहते नालों की सफाई और जलनिकासी की समुचित व्यवस्था नहीं की गई, तो आने वाले दिनों में हालात और भी खराब हो सकते हैं। ग्रामीणों ने जल्द से जल्द ठोस कार्रवाई की मांग की है।