विद्या विहार पश्चिम और पूर्व को जोड़ने के लिए भारतीय रेलवे के इतिहास में लगाया गया सबसे बड़ा गर्डर
मुम्बई(राष्ट्र की परम्परा)
बृहन्मुंबई महानगरपालिका द्वारा विद्याविहार रेलवे स्टेशन से पूर्व और पश्चिम को जोड़ने वाले एक फ्लाईओवर का निर्माण किया जा रहा है, और इस फ्लाईओवर के लिए लगभग 1,100 मीट्रिक टन वजनी और लगभग 100 मीटर लंबे दूसरे गर्डर को सफलतापूर्वक स्थापित करने का महत्वपूर्ण चरण पूरा हो चुका है। मुंबई महानगरपालिका प्रशासन 2024 तक पुल का काम पूरा करने की योजना बना रहा है।
मानपत के ब्रिज विभाग द्वारा एन. वार्ड के अंतर्गत घाटकोपर क्षेत्र में पूर्व में रामकृष्ण चेंबूरकर और पश्चिम में लाल बहादुर शास्त्री मार्ग को जोड़ने के लिए, विद्याविहार रेलवे स्टेशन ट्रैक पर एक फ्लाईओवर का निर्माण किया जा रहा है। इस फ्लाईओवर के निर्माण में रेलवे ट्रैक के ऊपर लगभग 100 मीटर का मुख्य पुल भी शामिल है।
इस पुल के निर्माण के दौरान दोनों तरफ यातायात के लिए एक-एक स्टील के दो गार्डर लगाए जाने थे। इनमें पहला गर्डर 27 मई 2023 को सफलतापूर्वक स्थापित किया गया था। दूसरे गर्डर का काम 4 नवंबर, 2023) से 5 नवंबर, 2023 सुबह 5.30 बजे तक पूरा किया गया।
दूसरे गर्डर की स्थापना के लिए मध्य रेलवे द्वारा मेगाब्लॉक किया गया था। उस वक्त गर्डर लगाने का काम विंच पुलिंग विधि से पूरा किया गया था,
दोनों गार्डर लगने के बाद अगले चरण में पुल के पूर्वी और पश्चिमी दोनों तरफ 17.50 मीटर चौड़ी एप्रोच रोड का निर्माण किया जाएगा।
यह फ्लाईओवर कुल दो लेन का है। कुल 630 मीटर लंबाई वाले इस प्रोजेक्ट में रेलवे ट्रैक पर 100 मीटर का पुल बनाया जा रहा है, जबकि पूर्व की ओर 220 मीटर और पश्चिम की ओर 310 मीटर का एप्रोच रोड बनाया जा रहा है। रेलवे ट्रैक के ऊपर पुल की चौड़ाई 24.30 मीटर होगी. इसमें दोनों ओर 2-2 मीटर के फुटपाथ भी शामिल हैं। इस पथ की कुल चौड़ाई 17.50 मीटर होगी। इसमें दोनों तरफ एक-एक मीटर के फुटपाथ शामिल होंगे।
इस प्रोजेक्ट की कुल अनुमानित लागत करीब 178 करोड़ रुपये है. जिसमें से रेलवे ट्रैक पर मुख्य फ्लाईओवर की लागत करीब 100 करोड़ रुपये और एप्रोच रोड व अन्य कार्यों की लागत 78 करोड़ रुपये है.
इस परियोजना के तहत दोनों तरफ रेलवे टिकट खिड़की कक्ष, स्टेशन मास्टर कार्यालय, जीना का भी पुनर्निर्माण किया गया है। इसी तरह फ्लाईओवर के दोनों ओर सर्विस रोड भी शामिल है। सर्विस रोड कार्य के तहत पूर्वी हिस्से में सोमैया नाले का पुनर्निर्माण भी किया गया है।
99.34 मीटर लंबे और 9.50 मीटर चौड़े ये दोनों गर्डर भारत में रेलवे पर अब तक के सबसे लंबे गर्डर हैं। इनमें से प्रत्येक का वजन लगभग ग्यारह सौ मीट्रिक टन है। रेलवे लाइन पर चरणबद्ध तरीके से इन दोनों खुले स्टील गार्डर के निर्माण की प्रक्रिया मुंबई महानगरपालिका के ब्रिज विभाग द्वारा की गई है। इस गर्डर को रेलवे ट्रैक के बीच बिना किसी खंभे, बिना किसी सहारे के एक इकाई के रूप में खड़ा किया जा रहा है। यह इंजीनियरिंग के क्षेत्र में एक तरह का आविष्कार है।
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