
विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ ‘तरंग’ द्वारा सोमवार को होगा आयोजन
गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय अपने सांस्कृतिक इतिहास का नया अध्याय लिखने जा रहा है। नवरात्र के पावन अवसर पर विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ तरंग की ओर से पहली बार गरबा महोत्सव का आयोजन 29 सितम्बर, सोमवार को शाम 6:30 बजे से विश्वविद्यालय परिसर में होगा।
महोत्सव का शुभारंभ देवी आरती और गणेश वंदना से किया जाएगा। दो घंटे चलने वाले इस आयोजन में छात्र-छात्राओं के साथ शिक्षक, कर्मचारी और शहर के गणमान्य नागरिक शामिल होंगे।
तरंग की निदेशक प्रो. उषा सिंह ने बताया कि महोत्सव से पूर्व 20 से 28 सितम्बर तक आठ दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें प्रशिक्षकों ने छात्र-छात्राओं को गरबा की लय और पारंपरिक शैली सिखाई।
सहनिदेशक डॉ. अमोद कुमार राय ने कहा कि नवरात्र आदि शक्ति का पर्व है और गरबा-डांडिया उसी आध्यात्मिक ऊर्जा की अभिव्यक्ति है। ऐसे आयोजन छात्रों को शैक्षणिक दबाव से राहत देने के साथ उनके व्यक्तित्व विकास में सहायक होते हैं।
इस ऐतिहासिक आयोजन में शहर के मेयर डॉ. मंगलेश कुमार श्रीवास्तव मुख्य अतिथि होंगे, जबकि विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन अध्यक्षता करेंगी। सुरक्षा को देखते हुए केवल पंजीकृत प्रतिभागियों को ही पास के आधार पर प्रवेश मिलेगा।
कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि नृत्य और संगीत जैसे सांस्कृतिक आयोजन छात्रों को तनावमुक्त कर नई ऊर्जा प्रदान करते हैं। उन्होंने इसे विश्वविद्यालय की एक्स्ट्रा करिकुलर गतिविधियों का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया।
गरबा नृत्य के साथ बीच-बीच में फन एक्टिविटीज़ भी होंगी। विश्वविद्यालय और शहर के साझा सहयोग से यह आयोजन न केवल एक सांस्कृतिक उत्सव होगा, बल्कि विश्वविद्यालय परिवार के लिए ऐतिहासिक और यादगार अनुभव साबित होगा।