
जैतीपुर (राष्ट्र की परम्परा)
जिन बेटों को उंगली पड़कर चलाना सिखाया।पढ़ा-लिखा कर पैरों पर खड़ा किया।वही बेटे नालायक निकल जाए तो बड़ा अफसोस और दुःख होता है
मन व्यथित हो जाता है।ऐसा ही मामला थाना क्षेत्र के गांव गौहावर में सामने आया है,पत्नी की मौत के बाद अकेले जीवन यापन कर रहे 80 वर्षीय बुजुर्ग प्रेमपाल सिंह ने अपने दोनों बेटों की नालायकी से परेशान होकर अपनी चल-अचल संपत्ति से बेदखल कर दिया है।प्रार्थना पत्र में उन्होंने बताया उनके दो बेटे देवेंद्र पाल सिंह व जितेंद्र पाल सिंह हैं दोनों शराब पीकर उनका अपमान करते हैं, आए दिन गंदी गंदी गालियां देते हैं।जमीन को मनमानी करके खुर्द-बुर्द करते हैं।कहा हर मां बाप को उम्मीद होती है उसकी संतान वृद्धावस्था में देखभाल करें।लेकिन दो बेटे होने के बावजूद भी वह जिंदगी के आखिरी पल कष्ट से बिताने को मजबूर हैं।इसलिए उन्होंने अपने बेटों को सबक सिखाने के लिए अपनी संपत्ति से बेदखल कर दिया है।कहा अगर वह कहीं लेन-देन या गलत कार्य करते हैं तो उसके स्वयं भागीदार होंगे।
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