
मऊ (राष्ट्र की परम्परा)। ज्येष्ठ माह लगभग आधा गुजर चुका है, किसान धान की नर्सरी को डालकर उसकी देखरेख के लिए हरसंभव प्रयास करते देखे जा रहे हैं । यद्यपि मौसम की अनुकूलता से धान की नर्सरी के आशानुकूल हो रहे विकास से किसान काफी खुश नजर आ रहे थे ।किंतु विगत कुछ दिनों से धान की नर्सरी पर कीटों का प्रकोप बढ़ गया है। जिसके कारण पौधे सूख रहे है। यह देख किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई है।उनका कहना है कि महंगे खाद बीज तथा पानी से तैयार हो रही नर्सरी को कीटों से बचाना उनके लिए बड़ा चुनौती पूर्ण कार्य साबित हो रहा है। ऐसा बाजारों में खाद एवं बीज की दुकानों पर धड़ल्ले से बेंचें जा रहे नकली कीटनाशकों के कारण है। जिनके छिड़काव के बावजूद किसानों की समस्या नहीं सुलझ रही है और उन्हें दोहरा नुकसान उठाना पड़ रहा है।