बघौचघाट/देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)। विकास खंड क्षेत्र पथरदेवा समेत बघौचघाट में शारदीय नवरात्रि की सप्तमी तिथि सोमवार को क्षेत्र के विभिन्न पांडाल में रखी गई दुर्गा प्रतिमा का कपाट विधि विधान पूजन अर्चन व वैदिक मंत्र उच्चारण के बीच खुला।इस दौरान मां के जयकारों से समूचा वातावरण गूंज उठा।वही सुरक्षा को लेकर पुलिस महकने ने पुख्ता इंतजाम किया है।इसी क्रम में मेंदीपट्टी गांव में गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी मां दुर्गा का भव्य पांडाल आकर्षण का केंद्र बना है।जहा कार्यकर्ताओं द्वारा विविध कार्यक्रम का आयोजन विसर्जन के पूर्व तक चलेगा।इसी क्रम में क्षेत्र के कस्बा बघौचघाट में दर्जनों मां दुर्गा प्रतिमा भव्य पंडालों में स्थापित हुई है।जहा मूर्ति आयोजकों के साथ श्रद्धालु आस्था भाव से मां दुर्गा की विधि विधान पूर्वक पूजन अर्चन में जुटे हैं।कपाट खोलने के उपरांत विसर्जन के पूर्व तक भव्य मेले का आयोजन होता है।जहां पड़ोसी जनपद कुशीनगर एवं बिहार के श्रद्धालु पूजन अर्चन एवं मेले के आनंद उठाने के लिए पहुंचते हैं।इसी क्रम में पथरदेवा,बघौचघाट, मलसी चौराहा,जैदपट्टी,पचरुखिया चौराहा,केडी चौराहा,विशुनपुरा बाजार,बिंदही चौराहा,श्याम पट्टी,रामनगर,शाहपुर मेदीपट्टी ,तुर्क पट्टी,सखनी, कोटवा मिश्र आदि चौक चौराहा एवं ग्राम पंचायत में मां दुर्गा की प्रतिमा भव्य पंडाल सजाकर स्थापित किया गया है।जहां वैदिक विधि विधान पूर्वक वैदिक मंत्रों के बीच मां दुर्गा प्रतिमा की कपाट खोला गया।जहां पूजन अर्चन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुट रही है।वही सुरक्षा को लेकर पुलिस महकने ने पुख्ता इंतजाम किया है। पंडित बृजेश पांडेय ने बताया कि सप्तमी तिथि मां कालरात्रि का दिन है।इस तिथि का विशेष महत्व है।महिषासुर वध हेतु नव दिन तक युद्ध की।इसी रात्रि महिषासुर का वध की,तभी से यह नवरात्रि पर्व मनाया जाता है।
मां दुर्गा प्रतिमा के कपाट खुले,जयकारे से गूंजे पांडाल
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