अँधेरी में दशमेश दरबार गुरुद्वारा दरबार हॉल का हुआ उदघाटन
मुम्बई(राष्ट्र की परम्परा)
सिख समुदाय के सहयोगों को और दी गई कुर्बानियों को देश कभी नही भूलेगा, महाराष्ट्र हमेशा आभारी रहेगा। उक्त बातें उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अँधेरी पूर्व स्थित मरोल के चिमट पाडा में दशमेश दरबार गुरुग्रंथ साहिब के नव निर्मित भव्य दरबार हाल के उदघाटन के मौके पर कही।उन्होंने महामंडलेश्वर कैलाश गिरीश महाराज,संत बाबा घोला सिंह,संत बाबा गुरुनाम सिंह, संत बाबा हरनाम सिंह और गुरुग्रंथ एवं गुरुद्वारा में मत्था टेकते हुये देश और महाराष्ट्र की खुशहाली के लिए आशीर्वाद माँगा।फडणवीस ने आगे कहा कि हमें गुरूओं ने ऐसी संस्कृति और परंपरा की शुरुआत की जहाँ पर हम सब गुरुग्रंथ के सामने मत्था टेकते हुये अपना गौरव महसूस करते हैं।और गुरुद्वारे में पूर्ण निष्ठा व समर्पण की भावना से जितनी सेवा होती है शायद ही कहीं और होती होगी,जिसका मैं मुरीद हूँ।यहां आने पर मुझे जितनी प्रसन्नता हुई है शायद हमारे पास शब्द नही है। सिख समाज के साथ साथ हर समाज के सुख दुःख में हमेशा खड़े रहने वाले समाज सेवक सरबजीत सिंह संधू को भी बधाई देता हूँ कि उनके बुलावे पर मुझे इस यादगार धार्मिक अनुष्ठान में शामिल होने का आशीर्वाद मिला। उपमुख्यमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि गुरुद्वारा और गुरुग्रंथ साहिब का उत्तम विचार का संदेश समूचे समाज के लिए एक मिशाल है और नई पीढ़ियों के लिए एक वरदान है। यह धरोहर बहुत महान है और हम सब के लिए अतुलनीय विरासत है। गुरूओं और गुरूग्रंथो का महाराष्ट्र की धरती से सदियों पुराना रिश्ता है और सदैव बरकार भी रहेगा।देवेंद्र फडणवीस ने सचखंड और दशमेश दरबार को एक प्रेरणादायी और ऊर्जा प्रदान करने वाला धार्मिक स्थान बताया। और इस सूंदर व मनमोहक दरबार को हाल के निर्माण के लिए मैं दिल से सिख समाज को बधाई देता हूँ। और इस दिव्य व भव्य गुरुद्वारे से मुंबई की शान बढ़ गई है, अंत में फडणवीस ने साहिबजादे फतेह सिंह जोरावर सिंह की कुर्बानी और वीरता के नाट्य रूपांतरण में खुद की किरदार भूमिका का उल्लेख कर सब को भाव विभोर कर दिया और समूचा समुदाय ने तालियों की गड़गड़ाहट से उपमुख्यमंत्री का अभिवादन किया।
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