
उतरौला (बलरामपुर)
उतरौला कोतवाली क्षेत्र के मधपुर गांव स्थित अवैध धर्मांतरण रैकेट के मुख्य आरोपी जलालुद्दीन उर्फ झांगुर की कोठी पर प्रशासन ने गुरुवार को लगातार तीसरे दिन बुलडोजर की कार्रवाई जारी रखी। प्रशासन के अनुसार, यह कार्रवाई सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे के विरुद्ध की जा रही है और गुरुवार की शाम तक संपूर्ण अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाएगी।
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि अतिक्रमण हटाने में होने वाला पूरा खर्च आरोपी से ही वसूला जाएगा। करीब 12 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इस आलीशान कोठी का आधा हिस्सा मंगलवार को ही गिरा दिया गया था, जबकि शेष हिस्से को गुरुवार को जमींदोज करने की प्रक्रिया शुरू की गई।
सुबह 10 बजे से बुलडोजर की गर्जना के साथ कार्रवाई का दूसरा चरण आरंभ हुआ। भवन की मजबूती और भव्यता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कोठी के पिलरों में पुल निर्माण में प्रयुक्त सरिए का उपयोग किया गया है, जिससे तोड़ने में प्रशासन को भारी मशक्कत करनी पड़ रही है।
दोपहर 2 बजे के बाद कोठी के मुख्य गेट को गिराने की प्रक्रिया शुरू की गई। इस दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण मौके पर इकट्ठा हो गए थे, जिन्हें पुलिस बल ने हटाकर सुरक्षा घेरा मजबूत किया।
इस अवसर पर
एसडीएम उतरौला राजेंद्र बहादुर, अपर पुलिस अधीक्षक विशाल कुमार पांडेय, तहसीलदार सत्यपाल प्रजापति,
शिक्षा अधिकारी राघवेंद्र प्रताप, कोतवाल उतरौला अवधेश राज सिंह सहित भारी संख्या में पुलिस और पीएसी बल मौजूद रहे।
गौरतलब है कि आरोपी झांगुर के विरुद्ध धारा 121A, 153A, 417, 420 भा.दं.सं. तथा धर्मांतरण प्रतिषेध अधिनियम 2021 की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। एटीएस लखनऊ द्वारा उसे 5 जुलाई 2025 को गिरफ्तार किया गया था।
प्रशासन द्वारा चल रही यह कार्यवाही धर्मांतरण जैसे गंभीर अपराधों के खिलाफ ‘शून्य सहिष्णुता’ की नीति का उदाहरण है। आने वाले दिनों में आरोपी के नेटवर्क, फंडिंग स्रोत और संपत्ति की जांच भी तेज की जा सकती है।
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