सलेमपुर,देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)। नादावर छोटी गंडक नदी के ऊपर बने पुल की रेलिंग टूटने से हादसा होने की संभावना काफी बढ़ गई है वैसे आपको जानकर हैरानी होगी विगत दो वर्षो में लगभग पच्चीस लोग इस पुल से अपनी जान गवा चुके है जिसमे कुछ तो खुद से आत्महत्या कर लिए तथा कुछ हादसों के शिकार हुए। आवाज उठी ताकि पुल के दोनो तरफ जाल लगा दी जाए लेकिन जाल तो दूर टूटी रेलिंग भी ठीक करना जिम्मेदारों को बोझ लगता हैं ,झरोखा जैसा दिखने वाला नदावर गंडक नदी का ये पुल हादसों को और भी आसान बना चुका है। जब भी कोई दुर्घटना होती है तो लोगो में तथा प्रशासन में इसकी चर्चा होती है जैसे जैसे समय बीतता है जिमेदारो को भी ये अहम कार्य भूल जाते है।हालाकि कई बार राष्ट्र की परम्परा हिन्दी दैनिक अखबार ने इस समस्या को लेकर प्रमुखता से प्रकाशित किया था लेकिन बावजूद इसके कोई इसपे ध्यान नही देता।अब स्तिथि ये हो चुकी है की पुल के दोनो तरफ रेलिंग का कुछ हिस्सा टूट चुका है जिससे बचाव के रास्ते भी बंद है। थोड़ी सी भी चूक होने पर बड़ी दुर्घटना हो सकती है।काफी समय पहले बना नदावर पुल अपने आप में ऐतिहासिक रहा है जो सलेमपुर से होकर बिहार को जोड़ता है।बगल के ग्राम हडुआ उर्फ औरंगाबाद के स्थानीय लोगो ने अपने आंखो के सामने कई हादसों को होते देखा है जिसमे सुसाइड जैसे मामले अत्यधिक रहे है ।
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