बैनामे के 13 साल बाद मिला अपने भूमि पर कब्जा
देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)। जिलाधिकारी के जनता दर्शन कार्यक्रम में रोजाना दर्जनों लोग अपनी समस्या का त्वरित समाधान प्राप्त कर रहे हैं। ऐसे ही एक प्रकरण में डीएम की सक्रियता के चलते 24 घन्टे के भीतर ही जेएनयू से पीएचडी कर रहे एक नेत्रहीन शख्स को 13 साल बाद बैनामाशुदा भूमि पर कब्जा मिल गया।
22 मई को जिलाधिकारी के जनता दर्शन में सौंपे पत्र में नेत्रहीन सूर्यप्रकाश पुत्र बृजेश, निवासी ग्राम शिवधरिया, तहसील बरहज ने बताया कि वर्ष 2009 में पटखौली गांव में उनकी मां शांति देवी ने 3 डिसमिल जमीन का क्रय रामानुज पाठक से किया था। उक्त भूमि का खारिज दाखिल 8 जनवरी 2010 को हो चुका है। लगभग 13 वर्ष बीतने के बाद भी भूमि पर कब्जा नहीं मिल पा रहा है। बैनामे के आधार पर जब भी भूमि को अपने कब्जे में लेने का प्रयास किया जाता है गांव के दबंगों द्वारा उन्हें एवं उनके माता-पिता को प्रताड़ित किया जाता है तथा फर्जी मुकदमों में फंसाने की धमकी भी दी जाती है। अभी हाल ही में मकान निर्माण के लिए आये 5 ट्राली ईंट को भी दबंगों ने उठवा लिया। अकसर दबंग उनकी अंधता पर फब्तियां भी कसते रहते है। सूर्यप्रकाश ने जिलाधिकारी से अपनी बैनामाशुदा भूमि पर कब्जा दिलाने की गुहार लगाई।
जिलाधिकारी ने प्रकरण की गंभीरता को समझते हुए तत्काल डिप्टी कलेक्टर महेंद्र कुमार को ग्राम पटखौली जाकर समस्या का समाधान कराने का निर्देश दिया। डिप्टी कलेक्टर महेंद्र कुमार एवं तहसीलदार बरहज अश्वनी राजस्व टीम के साथ मौके पर पहुँचे, जहाँ सभी सम्बंधित पक्षों को बुलाकर आपसी सुलह समझौता कराया गया एवं आवेदक सूर्यप्रकाश की माता शांति देवी को उनके बैनामशुदा भू-क्षेत्र पर तत्काल कब्जा दिला दिया गया। 13 साल बाद बैनामशुदा भूमि पर कब्जा पाने के बाद सूर्यप्रकाश ने राहत की सांस ली और उन्होंने जिलाधिकारी का आभार व्यक्त किया।
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