
खण्डीय लेखाधिकारी पर गंभीर अनियमितता का आरोप
●लोनिवि प्रांतीय खण्ड में तैनाती के साथ निर्माण खंड का भी है चार्ज
●शिकायत पर अधीक्षण अभियंता ने बनाई चार सदस्यीय जांच दल
गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। लोक निर्माण विभाग, प्रांतीय खंड देवरिया में तैनात खंडीय लेखाधिकारी पर एक व्यक्ति ने वित्तीय अनियमितता का गंभीर आरोप लगाते हुए स्थानीय विभागीय अधिकारियों व उच्चाधिकारियों से जांच कराने की मांग की है।
प्राप्त विवरण के अनुसार जिले के नोनापार ग्राम पंचायत निवासी ऋषि देव तिवारी ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को शिकायती पत्र भेज कर लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खण्ड में तैनात खण्डीय लेखा अधिकारी श्री प्रकाश यादव पर पद पर रहकर गंभीर वित्तीय अनियमितता करने का आरोप लगाया है। शिकायती पत्र में उन्होंने कहा है कि विभागीय उच्चाधिकारियों द्वारा समय-समय पर जो भी कार्य स्वीकृत किए जाते हैं, उनके द्वारा यह सख्त निर्देश रहता है कि जो कार्य जिस मद में स्वीकृत है उसी मद में शासकीय धन का उपयोग किया जाए। लेकिन खण्डीय लेखाधिकारी अपने रसूख और मनमानेपन से बड़े पैमाने पर एक हेड का धन दूसरे हेड पर खर्च करके घोर वित्तीय अनियमितता की है तथा शासन की मंशा के विपरीत व उच्चाधिकारियों के आदेशों का खुला उल्लंघन किया है।
यही नहीं उनके द्वारा अनियमितता करके करोड़ों रुपए के धन उगाही भी की गई है। सामान्य पद पर रहते हुए भी इन्होंने लखनऊ के पाश इलाके गोमती नगर में करोड़ों रुपए के फ्लैट व लखनऊ में ही कई जगह प्लाट खरीद रखा है। लग्जरी वाहन से इनका आना-जाना होता है।
उन्होंने कहा है कि यही नहीं रसूख व पैसे के बल पर एक खण्ड में तैनाती व दूसरे खण्ड का प्रभार लेकर इनके द्वारा विभाग में अनियमितता कर करोड़ों रुपए अर्जन किया जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा है कि अधिशासी अभियंता को शासन के निर्देश के मुताबिक एक लाख से अधिक अनुबंध गठित करने का अधिकार नहीं है। लेकिन इनके द्वारा पांच से लेकर दस लाख तक का एक्स्ट्रा आइटम प्रांतीय खंड में बनवाए गए हैं तथा इसका आवंटन शासन स्तर से अन्य आइटम के लिए कोई धन आवंटन नहीं हुआ है। इसके बावजूद इन्होंने देयकों को भुगतान के लिये आगे बढ़ा दिया है। यही नही उच्चाधिकारियों को अंधेरे में रखा है। यदि इसकी गहनता से जांच हो जाए तो इसकी पुष्टि हो जाएगी।
यही नहीं कार्यालय में भी इनके द्वारा सत्ता विरोधी मानसिकता जाहिर करते हुए अपना धौंस जमाया जाता है। इसके अलावा उनके द्वारा विभागीय देयकों, अन्य आइटम के देयकों पर 10% तथा पुराने देयकों पर इनके द्वारा इस कार्य के उस कार्य पर किया गया रहता है। ठेकेदार को परेशान कर मोटी रकम लेकर बिल पास किया जाता है। जिससे इनकी प्रतिमाह लाखों-लाखों की अनैतिक कमाई करते है।
उन्होने श्री यादव की इससे पहले जहां भी तैनात रहे हैं, की भ्रष्ट कार्यशैली की जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि यही नहीं दोनों खंडों में शासकीय नियमों व आदेशों का उल्लंघन करते हुए अपने कार्य कक्ष में इनके द्वारा व्यक्तिगत सुविधा में शासकीय धन का, पद का दुरुपयोग करते हुए लिया गया है। यही नहीं उनके द्वारा अपने मातहतों व ठेकेदारों को भी मानसिक रूप से परेशान किया जाता है। इसके इस कृत्य से सरकार की छवि भी धूमिल हो रही है।
जांच के लिए अधीक्षण अभियंता (एसई) ने बनाई चार सदस्यीय कमेटी
प्राप्त शिकायतों के आधार पर जी.एस. वर्मा, अधीक्षण अभियंता, लोक निर्माण विभाग देवरिया ने श्रीप्रकाश खंडीय लेखाधिकारी के विरुद्ध दिनेश नाथ त्रिपाठी अधिवक्ता, कलेक्ट्रेट व ऋषिदेव तिवारी नोनापार द्वारा दिए गए शिकायती पत्र में उल्लिखित बिंदुओं के आधार पर नियमानुसार जांच के लिए एक 4 सदस्यीय कमेटी गठित की है। जिसमें अधिशासी अभियंता, राष्ट्रीय मार्ग खण्ड को अध्यक्ष व अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग, देवरिया, सहायक अभियंता, प्रांतीय खंड,लोक निर्माण, विभाग के सहायक अभियंता निर्माण खंड लोक निर्माण विभाग को सदस्य बनाते हुए निर्देश दिया है कि कमेटी 18 दिसम्बर 22 तक हर हाल में जांच रिपोर्ट उपलब्ध करा दें।
जाँच कमेटी के अध्यक्ष ने बताया कि एन.एच.के अधिशासी अभियंता नूर मोहम्मद ने प्रकरण के जाँच कार्यवाही के बारे में कहा की जाँच टीम के अध्यक्ष नामित होने का पत्र मिला था,पर शिकायती पत्र उपलब्ध नही कराया गया था। जब पत्र मिलेगा तब जांच आगे बढ़ेगी।
जब लेखाधिकारी श्रीप्रकाश यादव से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने आरोपो को निराधार व तथ्यहीन बताया।
More Stories
डीडीएम स्कूल प्रबंधक हत्याकांड का पर्दाफाश: सौतेले बेटे ने ही करवाई थी हत्या, 50 हजार की दी थी सुपारी
डीडीयू के तीन छात्रों का रोबोटिक्स एरा में प्लेसमेंट, विश्वविद्यालय की बढ़ी प्रतिष्ठा
डीएम ने जिला स्वच्छता समिति की बैठक में ग्राम पंचायतों में डिजिटल लाइब्रेरी स्थापना हेतु निर्देश