रतनपुरा/मऊ(राष्ट्र की परम्परा)
माथे पर चंदन और तिलक सैकड़ों हाथों में लहराता केसरिया ध्वज,बैंड बाजे की धुन पर नाचता गाता युवाओं का समूह, भक्ति गीतों की गूंज, वेद मंत्रों की सस्वर ध्वनि, घंटा और घड़ियाल की आवाज के साथ महंत अरुणेश दास महाराज के नेतृत्व में परंपरागत रूप से, सैकड़ों वर्ष पुरानी श्री राम जानकी मंदिर कुंजवन कुटी से निकली रथयात्रा। रथयात्रा आगे बढ़ी तो मनोरम दृश्य देखते बन रहा था। आकर्षक रूप से सजी पालकी में ठाकुर जी विराजमान थे, नगर वासियों और युवाओं के कंधे पर पालकी विराजमान थी ।जब यह रथयात्रा आगे बढ़ी तो जगह-जगह रोककर श्रद्धालु जनों ने इस रथयात्रा पर पुष्प वर्षा किया, जगह-जगह आकर्षक रंगोलियां बनाई गई थी, इसके स्वागत में सभी लोगों ने अपने घरों के बाहर आकर्षक दीप जलाया था ,रथ यात्रा ज्यो आगे बढ़ी ठाकुर जी का चरण छूकर प्रसाद लेने के लिए भक्तों में होड़ सी लग गई। जगह-जगह लोगों ने इस रथयात्रा को रोककर इसका स्वागत किया और ठाकुर जी की पूजा अर्चना कर अपने को धन्य किया। लगभग 400 वर्षों की पुरानी परंपरा आज भी उसी रूप में जीवंत है। जय जगन्नाथ, बूढ़वा बाबा की जय और ठाकुर जी की जय के गगनभेदी नारों के साथ जैसे-जैसे रथयात्रा आगे बढ़ी संपूर्ण क्षेत्र में भक्तों की अविरल सरिता कल-कल निनाद करते हुए प्रवाहित होने लगी, हजारों लोग इस धार्मिक कार्यक्रम में उपस्थित थे। प्रशासन की भी चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था थी। लगभग 4:00 बजे कुंजवन कुटी से शुरू हुई ठाकुर जी की रथ यात्रा संपूर्ण बाजार का भ्रमण करते हुए रतनपुरा गांव का भ्रमण कर श्रीरघुनाथ हनुमान मंदिर पर पहुंची ,जहां विधिवत पूजन अर्चन किया गया। महिलाओं ने पारम्परिक लोक भक्ति गीत गाए ,भक्ति गीत की स्वर लहरियों से संपूर्ण वातावरण गुंजायमान रहा, जगह-जगह लोगों ने रथयात्रा में चल रहे श्रद्धालु जनों को पानी पिलाने की व्यवस्था की थी। सड़क के दोनों किनारे खड़े हजारों लोगों ने इस धार्मिक कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले लोगों का अभूतपूर्व स्वागत कर सब को अभिभूत कर दिया। हिंदू युवा वाहिनी के स्थानीय इकाई के सभी सक्रिय सदस्यों ने इस रथ यात्रा कार्यक्रम की सफलता के लिए कई दिनों से प्रयास किया था।
रथयात्रा का विशेष आकर्षण रहा महादेव की नगरी काशी (वाराणसी) से आए हुए 12 सदस्यीय डमरूधारी दल का समूह जिसने अपने नृत्य और डमरु की ध्वनियों से समस्त क्षेत्र को आध्यात्मिक और मंत्रमुग्ध कर दिया, वही केसरिया विशालकाय बजरंगी ध्वज लहराने के लिए युवाओं में होड़ सी मची रही। यह यात्रा जिस रास्ते से गुजरी वह रास्ता भक्तिमय हो गया। बड़ी संख्या में महिलाओं ने भी इस रथ यात्रा कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। लगभग 11:00 बजे रात्रि में यह कार्यक्रम विशाल भंडारे के साथ पुनः कुंज वन कुटी पहुंचकर समाप्त हुआ।रथ यात्रा की सफलता संपूर्ण क्षेत्र में चर्चा का विषय है।
जय जगन्नाथ और बुढ़वा बाबा की जय,ठाकुर जी की जय, के उद्घोष साथ लगभग 8 घंटे तक चली। इस रथयात्रा का नेतृत्व कर रहे महंत अरुणेश दास जी महाराज ने सम्पूर्ण क्षेत्र में सुख,शांति,समृद्धि अंकुल प्राकृतिक पर्याप्त वर्षा एवं समस्त विश्व के कल्याण की कामना की ,और भगवान जगन्नाथ से मनोकामना की सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया सर्वे भद्राणि पश्यंतु मां कश्चित् दुख भाग भवेत के साथ इस धार्मिक यात्रा का समापन हुआ। धार्मिक यात्रा के दौरान परिवहन सुविधाओं को बहाल रखा गया। पुलिस बल तथा हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता बेहतर ढंग से इन्हें आने जाने दिया गया। सभी धर्म प्राण नागरिकों के ललाट पर चंदन लगाने का कार्य अमरजीत उर्फ ठाकुर गोंड ने किया।
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