संत कबीर नगर (राष्ट्र की परम्परा)। जिले के धनघटा तहसील में लेखपाल और तहसील के अधिवक्ताओ का कार्य बहिष्कार शनिवार को भी जारी रहा। तहसील कार्यालय पर एक तरफ अपनी मांगों को लेकर पूरे दिन अधिवक्ताओं द्वारा धरना देते हुए नारेबाजी की जा रही है। वहीं दूसरी तरफ सभी लेखपाल भी कार्य बहिष्कार करते हुए पूरे दिन बैठकर नारेबाजी कर रहे हैं।
अधिवक्ताओं का आंदोलन विगत 18 दिनों से लगातार चल रहा है। तो पिछले छः दिनों से कार्य बहिष्कार कर लेखपाल भी घरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। जिससे तहसील का कामकाज बंद है।
पखवाड़े भर से जारी लेखपालों और अधिवक्ताओं के आंदोलन से उत्पन्न समस्याओं को संज्ञान लेते हुए तहसील और जिले के आलाधिकारियों द्वारा आंदोलन को समाप्त कराने का कोई सार्थक प्रयास नहीं किया जा रहा है।
ज्ञात हो कि उपनिबंधन कार्यालय धनघटा के नए प्रस्तावित भवन का निर्माण तहसील परिसर या बाढ़ शरणालय की भूमि पर कराने की मांग को लेकर बीते 17 दिनों से धनघटा तहसील के अधिवक्ता धरना-प्रदर्शन कर ही रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ बीते रविवार को खलीलाबाद तहसील क्षेत्र के बढयाबाबू गांव में प्रस्तावित खेल मैदान की भूमि का सीमांकन करने पुलिस बल के साथ पहुंची राजस्व टीम के उपर कुछ दबंगों द्वारा की गई मारपीट के बाद हमलावर दबंगों को गिरफ्तार कर जेल भेजे जाने की मांग को लेकर बीते छः दिनों से तहसील के लेखपालों ने भी लेखपाल संघ के तहसील अध्यक्ष सुरजीत यादव के नेतृत्व में कार्य बहिष्कार कर तहसील कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है।
कार्य बहिष्कार के चलते स्थिति यह हो गई है कि जाति, निवास और आय प्रमाणपत्रों के पर रिपोर्ट लगने में दिक्कत हो रही है।
तहसील पहुंचने वाले फरियादियों के प्रार्थना पत्रों पर अगर अधिकारी आदेश भी कर रहे हैं। तो आंदोलनरत लेखपाल कार्य बहिष्कार करने का हवाला देते हुए अधिकारियों के आदेशों का पालन नहीं कर रहे हैं। ऐसी दशा में फरियादियों को न्याय मिलना तो दूर उनकी समस्याओं तक का समाधान होना दुश्वार हो गया है।
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