
देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)l नगर निकाय के सामान्य निर्वाचन 2022 के सकुशल संपादन के दृष्टिगत मंगलवार को विकास भवन के गाँधी सभागार में 02 डिस्ट्रिक्ट मास्टर एवं 50 मास्टर ट्रेनर को तकनीकी व सैद्धान्तिक चतुर्थ प्रशिक्षण एवं परीक्षा प्रभारी अधिकारी (कार्मिक- प्रशिक्षण)/मुख्य विकास अधिकारी रवींद्र कुमार की अध्यक्षता में दी गई। प्रशिक्षण में समस्त मास्टर ट्रेनर, जिला पंचायत राज अधिकारी देवरिया उपस्थित थे।
उम्मीदवारों की अनर्हताएँ के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया कोई व्यक्ति नगर पालिका परिषद या नगर पंचायत के सदस्य पद पर निर्वाचित होने के लिए उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1916 की धारा-13 घ तथा अध्यक्ष पर पर निर्वाचित होने के लिए उक्त अधिनियम की धारा-43कक (2) में वर्णित प्राविधानों के अनुसार अनर्ह होगा। नाम निर्देशन पत्र का मूल्य जमानत की धनराशि तथा निर्वाचन व्यय की अधिकतम सीमा के बारे में बताया गया। आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवार यथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति, पिछड़ा वर्ग अथवा महिला हेतु सभी पदों के लिये नाम निर्देशन पत्र का मूल्य व जमानत की धनराशि आधी होगी। जमानत की धनराशि चालान ट्रेजरी में जमा करायी जा सकती है तथा चालान की एक प्रति नाम निर्देशन पत्र के साथ संलग्न की जायेगी। नगर निकाय सामान्य निर्वाचन-2022 में नामांकन दाखिल करने से लेकर मतदान समाप्ति तक की प्रक्रिया के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया।
राज्य निर्वाचन आयोग, उ०प्र० द्वारा किसी भी जनपद में स्थित नगरीय निकायों के निर्वाचन का प्रशासनिक उत्तरदायित्व किसे सौंपा गया है, किसी मतदाता की पहचान हेतु दर्ज की गयी आपत्ति स्वीकार करने हेतु राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित फीस की धनराशि है, किसी अशक्त मतदाता के सहायक के रूप में कार्य करने वाला व्यक्ति उस दिन किसी भी मतदान स्थल पर अधिकतम कितनी बार निर्वाचक सहायक के रूप में कार्य कर सकता है, यदि किसी द्वारा एक मतपत्र पर गलत चिन्ह लगाने के बाद उस मतपत्र को पीठासीन अधिकारी को वापस कर दूसरे मतपत्र को मांग की जाती है, तो क्या मतदाता को दूसरा मतपत्र दिया जा सकता है, यदि मतदाता द्वारा मतपत्र, मतपेटी में न डाला गया हो और वह मतदान स्थल में गिरा हुआ पाया जाता है तो मतदान दल द्वारा निम्न में से कौन सा कार्य किया जायेगा, “मीडिया कर्मी/ पत्रकार बिना अधिकार पत्र के मतदान स्थल में प्रवेश कर सकता है” या नही, प्रथम मतदान अधिकारी द्वारा निर्वाचक नामावली में पुरुष तथा महिला मतदाता के सामने क्रमशः चिन्ह लगाया जाता है, मतदान के दिन मतदान स्थल के किस परिधि में किसी को भी मतयाचना / प्रचार करने का अधिकार नहीं है, मतदाता अपने मत का प्रयोग करने के लिए किस सील का प्रयोग करता है, निर्धारित समय की समाप्ति के पश्चात भी यदि मतदाता मतदान स्थल पर पंक्तिबद्ध है, तो पीठासीन अधिकारी द्वारा प्रदान किये जाने वाले टोकन का क्रमांक होगा आदि प्रश्नों को मास्टर ट्रेनरों से मौखित प्रश्न भी पूछा गया। जिसका उत्तर सही-सही उनके द्वारा दिया गया।
अन्त में मास्टर ट्रेनरों की लिखित परीक्षा 30 प्रश्नों की ली गयी। जिसमें सभी मास्टर ट्रेनर ने परीक्षा पास की। प्रमोद कुशवाहा, रजनीकान्त त्रिपाठी व आनन्द प्रताप सिंह, विवेक कुमार मिश्रा ने शत-प्रतिशत अंक प्राप्त किया।
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