नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। सुप्रीम कोर्ट ने IIT खड़गपुर के एक छात्र की मेडिकल ट्रांसफर याचिका पर महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए IIT खड़गपुर, IIT दिल्ली और AIIMS को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि सभी पक्ष 10 अक्टूबर 2025 तक इस मामले में अपना जवाब दाखिल करें।
IIT खड़गपुर से IIT दिल्ली में ट्रांसफर की मांग
याचिका बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर (B.Arch) प्रथम वर्ष के छात्र द्वारा दाखिल की गई है, जो Borderline Personality Disorder से पीड़ित हैं। छात्र ने मेडिकल आधार पर IIT दिल्ली में स्थानांतरण की मांग की है ताकि उन्हें दिल्ली स्थित AIIMS में निरंतर इलाज मिल सके।
छात्र का तर्क: IIT खड़गपुर में उपलब्ध नहीं आवश्यक सुविधाएं
छात्र ने अपने वकील विपिन नायर के माध्यम से कोर्ट को बताया कि IIT खड़गपुर में उनकी बीमारी के इलाज के लिए आवश्यक मेडिकल सुविधा उपलब्ध नहीं है। उन्हें Repetitive Transcranial Magnetic Stimulation (rTMS) थैरेपी की आवश्यकता है, जो केवल AIIMS दिल्ली में उपलब्ध है। साथ ही छात्र ने यह भी कहा कि दिल्ली में ट्रांसफर होने पर वह माता-पिता की देखरेख में भी रह पाएंगे।
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जीवन-रक्षक इलाज से वंचित होने का आरोप
याचिकाकर्ता ने दावा किया कि ट्रांसफर अस्वीकार किए जाने से उन्हें जीवन-रक्षक उपचार से वंचित होना पड़ा। उन्होंने कोर्ट को बताया कि अतीत में अन्य छात्रों को मेडिकल आधार पर ट्रांसफर की अनुमति मिल चुकी है।
कोर्ट से क्या मांगा गया?
याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट IIT खड़गपुर और IIT दिल्ली को आदेश दे कि वे निर्धारित इंटर-IIT ट्रांसफर नियमों के तहत छात्र का मेडिकल ट्रांसफर आवेदन दो सप्ताह के भीतर पूरा करें। साथ ही मेडिकल बोर्ड केवल AIIMS दिल्ली या IIT दिल्ली में गठित किया जाए।
यह मामला अब शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता से जुड़े एक बड़े मुद्दे को सामने ला रहा है। सभी की नजरें अब 10 अक्टूबर को आने वाले जवाब पर टिकी हैं।