
पटना(राष्ट्र की परम्परा)
हिंदी दिवस के अवसर पर टीचर्स ऑफ बिहार ने 7 से 14 सितंबर तक ऑनलाइन प्रतियोगिता “अनुगूँज-हिंदी की” का सफल आयोजन किया गया । इस प्रतियोगिता का उद्देश्य विद्यार्थियों और शिक्षकों के बीच हिंदी भाषा के प्रति गौरवबोध जागृत करना तथा सृजनात्मक अभिव्यक्ति को मंच प्रदान करना था।
प्रतियोगिता में दो प्रमुख श्रेणियां रखी गई—
साहित्यिक लेखन प्रतियोगिता (स्वरचित कविता लेखन)
विषय: हमारी अस्मिता की पहचान (शब्द सीमा: 100–200 शब्द)
पत्र लेखन प्रतियोगिता
विषय: हिंदी के महत्व को समझाते हुए माता का पुत्र/पुत्री के नाम पत्र (शब्द सीमा: 12–20 पंक्तियाँ)
यह आयोजन दो वर्गों—कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थी तथा सरकारी विद्यालयों के शिक्षक—के लिए किया गया। सभी प्रविष्टियां टीचर्स ऑफ बिहार के आधिकारिक स्वप्रकाशन मंच (वेबसाइट) के माध्यम से ही आमंत्रित की गईं।
विजेताओं का चयन 15 से 18 सितंबर के बीच जनमत (ऑनलाइन वोटिंग/लाइक) एवं निर्णायक मंडल द्वारा मूल्यांकन, दोनों आधारों पर किया जाएगा।
इस अवसर पर टीचर्स ऑफ बिहार के फाउंडर शिव कुमार ने कहा कि “हिंदी हमारी अस्मिता और संस्कृति की आत्मा है। इस प्रतियोगिता के माध्यम से नई पीढ़ी में भाषा के प्रति आत्मगौरव और सृजनशीलता की भावना प्रबल होगी।”
टेक्निकल टीम लीडर ई. शिवेंद्र प्रकाश सुमन ने कहा कि “डिजिटल युग में हिंदी का प्रचार-प्रसार तकनीक के माध्यम से और भी सशक्त हो सकता है। टीचर्स ऑफ बिहार मंच का यह उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।”
इवेंट लीडर केशव कुमार एवं अनुपमा प्रियदर्शिनी ने बताया कि “प्रतियोगिता में विद्यार्थियों और शिक्षकों की उत्साहजनक भागीदारी रही, जिसने इसे बेहद सफल बना दिया।”
प्रदेश प्रवक्ता रंजेश कुमार एवं प्रदेश मीडिया संयोजक मृत्युंजय कुमार ने संयुक्त रूप से जानकारी दी कि “प्रतियोगिता के परिणाम शीघ्र ही घोषित किए जाएंगे तथा विजेताओं को विशेष सम्मान प्रदान किया जाएगा।