
गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के यूजीसी–मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर (MMTTC) द्वारा आयोजित 11वें ऑनलाइन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: ओरिएंटेशन एवं सेंसिटाइजेशन कार्यक्रम का नव दिवसीय आयोजन आज सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम में देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों से 60 से अधिक शिक्षक और शोधार्थी शामिल हुए।
समापन सत्र के मुख्य अतिथि प्रो. बिजेंद्र सिंह, कुलपति, डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षक विद्यार्थियों के लिए आदर्श रोल मॉडल बनें, जिससे वे जीवन की चुनौतियों का सामना कर सकें और समाज एवं राष्ट्र के लिए उपयोगी साबित हों। उन्होंने जीवन में मानवीय मूल्यों और नैतिक मर्यादाओं को बनाए रखने पर भी बल दिया।
मुख्य वक्ता प्रो. संजीव कुमार, कुलपति, महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय, आज़मगढ़ ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल जानकारी प्रदान करना नहीं है, बल्कि व्यक्ति के आंतरिक गुणों को परिष्कृत करना, उसे आत्मनिर्भर बनाना और स्वतंत्र निर्णय लेने की क्षमता विकसित करना है। उन्होंने भारतीय मनीषियों द्वारा ज्ञान और विज्ञान के सूत्रों के सृजन में अंतःप्रेरणा की भूमिका को रेखांकित किया।
कार्यक्रम संयोजक प्रो. अजय कुमार शुक्ला ने समापन अवसर पर कहा कि नई शिक्षा नीति प्रतिभागियों को सत्य और मूल्य-आधारित शिक्षा के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का अवसर प्रदान करती है। उन्होंने सभी व्याख्यानों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि कार्यक्रम ने शिक्षकों और शोधार्थियों को नीति की विभिन्न अवधारणाओं और उनके व्यावहारिक पक्षों से अवगत कराया।
प्रतिभागी प्रीति कुमारी ने कहा कि कार्यक्रम से उन्हें शिक्षण और शोध कार्य में नए दृष्टिकोण अपनाने की प्रेरणा मिली।
कार्यक्रम का स्वागत प्रो. चंद्रशेखर, निदेशक, एमएमटीटीसी ने किया और उन्होंने बदलते समय के साथ शिक्षकों में अपस्किलिंग की आवश्यकता पर बल दिया। संचालन एवं आभार ज्ञापन डॉ. मनीष पांडेय ने किया। तकनीकी सहयोग विशाल मिश्रा और नितेश सिंह ने प्रदान किया, जबकि रिपोर्टिंग अरुण मिश्रा द्वारा की गई।