मानवता की दृष्टि से चीन पूरी दुनिया के लिए नासूर बन चुका है-पंकज गोयल
नई दिल्ली(राष्ट्र की परम्परा)
नई दिल्ली स्थित चीनी दूतावास पर भारत-तिब्बत सहयोग मंच ने आक्रोश व्यक्त करते हुए प्रचंड प्रदर्शन किया । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक डॉ. इंद्रेश कुमार के मार्गदर्शन में संचालित भारत-तिब्बत सहयोग मंच, दिल्ली प्रांत के कार्यकारी अध्यक्ष सुनील गर्ग के नेतृत्व में किए गए इस प्रचंड प्रदर्शन में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित राष्ट्रीय महामंत्री पंकज गोयल ने कहा कि, चीन मानवता की दृष्टि से पूरी दुनिया के लिए नासूर बन गया है । चीन अपनी विस्तारवादी नीति के कारण अपने पड़ोसी देशों के लिए खतरा बन चुका है । इसी विस्तार वादी नीति के तहत 20 अक्टूबर 1962 को चीन ने भारत के खिलाफ़ युद्ध छेड़ दिया और भारत की काफी भूमि हड़प ली । चीन ने दुनिया के सबसे शांति प्रिय देश तिब्बत पर भी अवैध कब्ज़ा किया हुआ है ।
भारत तिब्बत सहयोग मंच 1962 में चीन द्वारा किए गए हमले की घोर निन्दा करता है, और उससे आग्रह करता है कि चीन अपनी हद में रहे और चैन से रहे तथा अन्य देशों को भी चैन से रहने दे । गोयल ने कहा कि चीन जैसा देश जिस देश का भी पड़ोसी होगा वह तो वैसे भी चैन से नहीं रह पायेगा किन्तु मेरा स्पष्ट रूप से मानना है कि एक न एक दिन तो चीन की तानाशाही खत्म होगी, घुटनों के बल आयेगा तब उसे तिब्बत को आजाद करना पड़ेगा और कैलाश मानसरोवर भी मुक्त होगा ।भारत-तिब्बत सहयोग मंच के कार्यकर्ता भारी संख्या में हाइफा चौक पर एकत्रित हुए और नारे लगाते हुए आगे बढ़ने लगे तो सुरक्षा बलों ने आगे से रोक लिया । इस अवसर पर मुख्य वक्ता एवं राष्ट्रीय महामंत्री पंकज गोयल के अतिरिक्त केंद्रीय अल्पसंख्यक आयोग, भारत सरकार की सदस्य रिंचिन लामो, निर्वासित तिब्बत सरकार के पूर्व डिप्टी स्पीकर आचार्य याशी फूंछोक, सूर्यभान पांडेय, रवीन्द्र गुप्ता, वीरेन्द्र अग्रवाल, चौधरी मांगेराम, श्वेता सैनी, संजना चौधरी, नेत्रपाल शर्मा आदि कई वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किएl प्रदर्शन में उपस्थित लोगों में चीन के विरुद्ध काफी आक्रोश देखने को मिला l
इस प्रदर्शन का संचालन महामंत्री एडवोकेट ललित कुमार जादौन एवं डॉ. आर. पी. सिंह ने किया।
More Stories
युवा भारतीय महिलाओं की उभरती आकांक्षाएँ
अयोध्या विवाद- किन्हें क्यों और कैसे याद आएंगे चंद्रचूड़-कृष्ण प्रताप सिंह
प्रस्तावित परिसीमन से भारत के संघीय ढांचे को खतरा-प्रियंका सौरभ