गोरखपुर(राष्ट्र की परम्परा)
जिस प्रकार से लोकसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं वैसे ही राजनीति का अलग-अलग रूप देखने को मिल रहा है, कोई जाति को लेकर कोई धर्म को लेकर कोई तो कोई विकास को लेकर एक दूसरे पर हमलावर होते नजर आ रहा है। ऐसे में कुछ पार्टियां श्री राम के नाम पर चुनाव जीतने का दावा कर रही हैं तो कुछ श्री परशुराम के नाम पर, कोई ब्राह्मण सम्मेलन करवा रहा है तो कोई पार्टी के दिग्गज ब्राह्मण नेताओं की टीम गठित कर ब्राह्मण समाज को अपने पक्ष में करने की रणनीति बना रहा है, इससे साफ पता चलता है कि लोकसभा के चुनाव में ब्राहमण समाज की एक अहम भूमिका है। ऐसे में ब्राह्मण वादी संगठन भी अपने बयानों से नेताओं पर हमलावर नजर आ रहे हैं बीएसएस परशुराम सेना के प्रदेश अध्यक्ष पंडित अजीत कुमार पाण्डेय ने भी राजनीतिक पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा कि, आज जो यह सभी लोग ब्राह्मण हितैषी होने का स्वांग रचा रहे हैं यह अब तक कहां सो रहे थे जब देश में आए दिन ब्राह्मणों के साथ कुठाराघात हो रहा था। उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों के साथ सौतेला व्यवहार और आए दिन ब्राह्मण समाज के लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा था तब किसी को ब्राह्मण समाज की चिंता नहीं थी। आज ब्राह्मणों को लुभाने के लिए कोई भगवान परशुराम जी का जय जयकार कर रहा है तो कोई खुद को ब्राह्मण समाज का हितैषी बता कर के ब्राह्मणों को अपने पक्ष में करने की गंदी राजनीति कर रहा है, पर मैं एक बात स्पष्ट कर दूं कि इस चुनाव में ब्राह्मण समाज किसी के झांसे में आने वाला नहीं है ब्राह्मण समाज इस बार उसी को वोट करेगा जो ब्राह्मणों के सुख दुख में चलकर के सड़क से लेकर संसद तक ब्राह्मणों के लिए आवाज मजबूत करने का काम करेगा और जो आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग करेगा।
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