नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। बच्चों की मौत का कारण बने कोल्ड्रिफ कफ सिरप को लेकर एसआईटी जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में पता चला है कि इस सिरप की लैब टेस्टिंग कभी हुई ही नहीं, यानी बिना किसी परीक्षण के ही यह जहरीला सिरप बाजार में बेचा गया।
सूत्रों के मुताबिक, श्रीसन फार्मा की केमिकल एनालिस्ट के. माहेश्वरी ने पूछताछ में स्वीकार किया कि कंपनी में लैब टेस्टिंग की पर्याप्त सुविधा मौजूद नहीं थी। उन्होंने बताया कि कुछ दवाओं की सिर्फ औपचारिक जांच होती थी, जबकि कोल्ड्रिफ कफ सिरप को बिना किसी टेस्ट के बाजार में उतार दिया गया।
ड्रग डिपार्टमेंट की लापरवाही भी उजागर
जांच में यह भी सामने आया कि ड्रग विभाग ने कंपनी की नियमित जांच नहीं की। आरोपी माहेश्वरी करीब 18 साल से इस क्षेत्र में कार्यरत हैं और पिछले चार साल से श्रीसन फार्मा में पदस्थ थीं।
SIT ने फैक्ट्री मालिक रंगनाथन से की आमने-सामने पूछताछ
एसआईटी टीम ने जहरीला सिरप बनाने वाली फैक्ट्री के मालिक रंगनाथन से भी पूछताछ की। टीम उसे कुछ दिन पहले तमिलनाडु लेकर गई थी, जहां से जरूरी दस्तावेज और साक्ष्य जुटाए गए। शुक्रवार शाम को टीम लौटने के बाद देर रात तक रंगनाथन और माहेश्वरी को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की गई।
माहेश्वरी जेल भेजी गई, रंगनाथन की रिमांड बढ़ी
तीन दिन की पुलिस रिमांड खत्म होने पर शनिवार को आरोपी माहेश्वरी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जिला जेल भेज दिया गया। वहीं, फैक्ट्री मालिक रंगनाथन की पुलिस रिमांड 20 अक्तूबर तक बढ़ा दी गई है।
