भारतीय विक्रम संवत 20&1 की वासंतिक नवरात्रि की आप सभी को सपरिवार बधाई व शुभकामनायें।
हमारे सनातन वैदिक शास्त्रों के अनुसार माँ दुर्गा के मंत्र पाठ से हम कई मुसीबतों से बाहर आ सकते है। पूर्ण श्रद्धा से किया गया मंत्र उच्चारण फल अवश्य देता है। तो आइये हम यहाँ कुछ विशेष मंत्रों की जानकारी प्राप्त करते हैं:
- उपयुक्त इच्छा पूर्ति के लिए दुर्गा मंत्र: यह मंत्र सभी प्रकार की सिद्धिः को पाने में मदद करता है, यह मंत्र सबसे प्रभावी और गुप्त मंत्र माना जाता है ।
“ॐ ह्रीं दुं दुर्गायै नम:” - देवी माँ का एक बहुत लोकप्रिय मंत्र दुर्गा सप्तशती प्रदर्शन से पहले इस मंत्र को सुनना आवश्यक है। यह मंत्र दोहराने से हमें सुंदरता, बुद्धि और समृद्धि मिलती है:
“ॐ अंग ह्रींग क्लींग चामुण्डायै विच्चे” - गौरी मंत्र -अच्छा पति मिलने के लिए दुर्गा मंत्र :
“हे गौरीशंकरार्धांगिनी, यथा त्वम शंकरप्रिया,
तथा मां कुरु कल्याणी कान्तकान्तम् सुदुर्लभं॥” - दुर्गा सप्तशती जैसा ही एक शक्तिशाली मंत्र, सब प्रकार के कल्याण के लिये दुर्गामंत्र:
“सर्वमङ्गलमङ्गल्ये
शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि
नारायणि नमोऽस्तु ते”
5.धन प्राप्ति के लिए दुर्गा मंत्र:
“दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तो:
स्वस्थै: स्मृता मतिमतीव
शुभां ददासि,
दारिद्र्यदु:खभयहारिणि
का त्वदन्या,
सर्वोपकारकरणाय सदाऽऽर्द्रचित्ता॥”
6.आकर्षण के लिए दुर्गा मंत्र:
ॐ क्लींग ज्ञानिनामपि,
चेतांसि देवी भगवतीही सा,
बलादाकृष्य मोहय,
महामाया प्रयच्छति”
- विपत्ति नाश के लिए दुर्गा मंत्र:
“शरणागतदीनार्तपरित्राण
परायणे,
सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते॥”
8.शक्ति प्राप्ति के लिए दुर्गा मंत्र:
“सृष्टिस्थितिविनाशानां
शक्तिभूते सनातनि,
गुणाश्रये गुणमये
नारायणि नमोऽस्तु ते॥”
9.रक्षा पाने के लिए दुर्गा मंत्र:
“शूलेन पाहि नो देवि,
पाहि खड्गेन चाम्बिके।
घण्टास्वनेन न: पाहि,
चापज्यानि:स्वनेन च॥”
- आरोग्य और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए दुर्गा मंत्र:
“देहि सौभाग्यमारोग्यं
देहि मे परमं सुखम्।
रूपं देहि जयं देहि,
यशो देहि द्विषो जहि॥” - भय नाश के लिए दुर्गा मंत्र:
“सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्ति समन्विते।
भयेभ्याहि नो देवि दुर्गे देवि नमोऽस्तु ते॥” - महामारी नाश के लिए दुर्गा मंत्र:
“जयन्ती मङ्गला काली
भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री
स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु ते।” - सुलक्षणा पत्नी की प्राप्ति के लिए दुर्गा मंत्र:
“पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्,
तारिणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोद्भवाम्॥” - पाप नाश के लिए दुर्गा मंत्र:
“हिनस्ति दैत्यतेजांसि
स्वनेनापूर्य या जगत्।
सा घण्टा पातु नो देवि
पापेभ्योऽन: सुतानिव॥” - भुक्ति-मुक्ति की प्राप्ति के लिए दुर्गा मंत्र :
विधेहि देवि कल्याणं विधेहि परमांश्रियम्।
रुपं देहि जयं देहि
यशो देहि द्विषो जहि। - सभी के कल्याण के लिए दुर्गा मंत्र:
“देव्या यया ततमिदं जगदात्मशक्त्या
निश्शेषदेवगणशक्तिसमूहमूत्र्या
तामम्बिकामखिल देवमहर्षिपूज्यां
भकत्या नता: स्म विदधातु
शुभानि सा न:।” - शक्तिशाली दुर्गा मंत्र हर तरह के भय एवं संकट से आपकी रक्षा के लिए:
रक्षांसि यत्रोग्रविषाश्च नागा यत्रारयो दस्युबलानि यत्र।
दावानलो यत्र तथाब्धिमध्ये तत्र स्थिता त्वं परिपासि विश्वम् ॥ - विघ्नों के नाश, दुर्जनों व शत्रुओं को मात व अहंकार के नाश के लिए दुर्गा गायत्री मंत्र :
“ॐगिरिजायै विद्महे शिव धीमहि तन्नो दुर्गा प्रचोदयात्।
इन्ही विशेष मंत्रों के साथ नवरात्रि में और हर समय भी माँ दुर्गा का आवाहन, पूजन व प्रार्थना करने से माँ प्रसन्न होती हैं और सबका कल्याण करती हैं।
कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’
लखनऊ
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