
जनतंत्र का आधार हिंदी भाषा है
भारत राष्ट्र की आत्मा हिन्दी है,
पूरे भारतवर्ष की भाषा हिन्दी है,
जन गण मन की भाषा हिन्दी है।
हिन्दी बोलने समझने वालों की
जन संख्या संसार में तीसरी है,
विश्व के सैकड़ों देशों में जा बसे
भारतीय लोगों की भाषा हिन्दी है।
145 करोड़ लोग हिंदी माध्यम से
अपना कार्य निष्पादित करते हैं,
एशियाई संस्कृति में अपनी हिन्दी
भाषा की अति विशिष्ट भूमिका है।
हिंदी एशियाई भाषाओं से अधिक
पूरे एशिया की प्रतिनिधि भाषा है,
बहुत सरल, सहज व सुगम भाषा,
हिंदी विश्व की वैज्ञानिक भाषा है।
पारम्परिक ज्ञान, प्राचीन सभ्यता और
आधुनिक प्रगति के बीच एक सेतु है,
आदित्य हिन्दी की सैकड़ों बोलियाँ हैं,
सब मिल हिन्दी को समृद्ध करती हैं।
- डॉ. कर्नल आदि शंकर मिश्र
‘आदित्य’