छात्र सामाजिक उत्तरदायित्व में संवेदनशील बने: डॉ. पूजा तिवारी
बिछुआ/म.प्र. (राष्ट्र की परम्परा)। शासकीय महाविद्यालय बिछुआ में प्राचार्य डॉ. आर.पी. यादव के मार्गदर्शन में सावित्री पाठक सामाजिक एवं गैर औपचारिक शिक्षा के अंतर्गत गुरुकुल सेवा समिति द्वारा ‘छात्रों का समाज से संवाद’ विषयक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में मुख्य वक्ता श्यामल राव ने कहा कि “अनुशासन सर्वोच्च शक्ति है, स्वच्छता दिव्यता है और सेवा से बड़ा कोई पुण्य नहीं।” उन्होंने छात्रों को सनातन संस्कृति की जीवनशैली अपनाते हुए समाज की आवाज बनने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि छात्रों की दृष्टि ऐसी होनी चाहिए जिससे समाज केवल भीड़ नहीं, बल्कि एक जीवंत संगठन दिखाई दे।
श्री राव ने छात्रों को सलाह दी कि समाज के लोगों से संवाद कर यह जानें कि क्या वे सुरक्षित महसूस करते हैं, क्या उन्हें अपनी बात रखने का अवसर मिलता है और उनकी समस्याएँ तथा सुझाव क्या हैं। उन्होंने परिवार को समाज का प्रथम विद्यालय बताते हुए कहा कि परिवार में स्त्री की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है और उसके प्रभाव को नकारा नहीं जा सकता।
प्राचार्य डॉ. आर.पी. यादव ने कहा कि सच्चा मित्र वही है जो समाज की भलाई में अपने साथी का सहयोग करे। सच्चा नागरिक वह है जो अपने सामाजिक उत्तरदायित्वों का ईमानदारी से पालन करे और दिव्यांगजनों के प्रति संवेदनशील हो।
कार्यशाला में डॉ. नसरीन अंजुम खान, डॉ. नवीन कुमार चौरसिया तथा डॉ. मनीषा आमटे ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन एसवीसीजीसी प्रभारी डॉ. फरहत मंसूरी ने किया तथा आभार प्रकट डॉ. शिवानी सोनी ने किया।
