
वह दो तरह के व्यक्ति ख़ास होते हैं,
जो समाज में तहलका मचाते हैं,
एक वो जो जानकर भी चुप रहते हैं,
दूसरे जो बिना जाने ही शोर करते हैं।
जानते समझते हुये कुछ न बोलना,
समाज व देश के प्रति कर्तव्यहीनता है,
बिना वजह ही अफ़वाहें फैलाना भी,
समाज व देश के प्रति गुनाह होता है।
सर झुका कर ट्विटर ट्विटर कर सकते हैं,
अजनबी से अनोखे रिश्ते रख सकते हैं,
परंतु देश व जनता के हित में ये कभी,
एक दूसरे से मिलकर न सोच सकते हैं।
वर्तमान समय में राजनीति भी ऐसे
ही कभी सत्य- असत्य, कभी मीठा,
कभी प्रतिघात कर दल बदल वाली,
होती है अक्सर धन लोलुपता वाली।
कभी झूठी दयालुता की प्रवृत्ति वाली,
कभी उदारता, कभी अति खर्चीली,
वैश्या जैसा निज स्वार्थ करने वाली,
वैसे ही समाजिक अहित करने वाली।
राजनीति और वैश्या में समानता है,
क्योंकि उनका मार्ग अस्थिर होता है,
अवसर के अनुसार दोनों को अपने
अपने व्यवहार भी बदलना होता है।
इसी कारण अब इन दोनों से समाज
का विश्वास ही उठता जा रहा है,
अब बस ईश्वर से ही विनती करो,
कि समाज को पाप से मुक्त करो।
भारतवर्ष की धरती यह ऐसे पापों से
और पापियों से अब भार मुक्त हो,
आदित्य क़र्म करें हम सबके हित के,
हमें सन्मार्ग पर चलने की शक्ति दो।
डा० कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’
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