संत कबीर नगर (राष्ट्र की परम्परा)। जिलाधिकारी आलोक कुमार के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) जयप्रकाश की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद के 50 डॉक्टरों के लिए सर्पदंश न्यूनीकरण विषयक कार्यशाला का आयोजन किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रामानुज कनौजिया भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।
कार्यशाला में बताया गया कि संत कबीर नगर में सर्पदंश से होने वाली जनहानि वर्ष 2023-24 में 18, 2024-25 में 21 और 2025-26 में अब तक 5 रही है। राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी के दिशा-निर्देश पर उत्तर प्रदेश के 18 संवेदनशील जिलों में स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक, आशा वर्कर, सीएचओ आदि का क्लिनिकल प्रशिक्षण तथा तहसील स्तर पर ग्राम प्रधान, लेखपाल, शिक्षक, पंचायत सहायक व स्नेक चार्मर का नॉन क्लिनिकल प्रशिक्षण कराया जा रहा है।
कार्यक्रम की शुरूआत में अपर जिलाधिकारी जयप्रकाश ने स्वागत किया और प्रशिक्षित चिकित्सकों से निचले स्तर की स्वास्थ्य इकाइयों को भी प्रशिक्षण देने का अनुरोध किया। मास्टर ट्रेनर डॉ. विशाल यादव, डॉ. जितेन्द्र चैधरी और डॉ. एसके सिंह ने चिकित्सकों को विषैला एवं गैर विषैला सर्पदंश पहचानने, रक्तस्राव, मांसपेशियों में कमजोरी और सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षणों के प्रबंधन और ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता फैलाने पर प्रशिक्षण दिया।
मास्टर ट्रेनरों ने क्लिनिकल प्रबंधन के महत्व और त्वरित निर्णय लेने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि चिकित्सक केवल इलाज नहीं करते, बल्कि समुदाय में जागरूकता भी फैलाते हैं। कार्यक्रम का संचालन जिला आपदा विशेषज्ञ कृष्णा गुप्ता ने किया।
प्रशिक्षण में 50 डॉक्टरों के साथ प्रधान सहायक कलेक्ट्रेट रंजीत कुमार गुप्ता और अन्य कर्मचारीगण भी उपस्थित रहे।
जिले में 50 डॉक्टरों को सर्पदंश न्यूनीकरण प्रशिक्षण
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